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Patna  आनंदपुरी में पेपरलीक कांड के दोषियों का संहार करेंगी मां

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बिहार न्यूज़ डेस्क शहर में थीम आधारित पूजा पंडाल में बोरिंग रोड स्थित आनंदपुरी पूजा पंडाल का अहम स्थान होता है. प्रत्येक वर्ष यहां किसी खास थीम पर पूजा पंडाल और प्रतिमा का निर्माण कराया जाता है.

राक्षस का रूप यहां आम जीवन की समस्याओं को भी बनाया जाता है. थीम को काफी शोध के बाद तय किया जाता है. आयोजन समिति सदस्यों के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में श्री विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति के तहत ‘माटी का लाल’ थीम रखा गया है. इसमें किसान और कुम्हार के जीवन को दर्शाया जाएगा. यहां एक राक्षस परीक्षा पेपर लीक कांड का मास्टर माइंड के रूप में भी दिखेगा, जिसका संहार करती दुर्गा मां दिखेंगी. वहीं मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, गणेश और कार्तिक की प्रतिमा राक्षसों का संहार करते नहीं बल्कि किसानों और कुम्हारों की मदद करते दिखेंगी. राक्षस के रूप में बेरोजगारी को दूर करने और स्वरोजगार, खेती-किसानी को बढ़ावा देने के संदेश के साथ दिखेंगे. इस वर्ष भगवान गणेश किसान का हल पकड़कर खेत जोतते नजर आएंगे. वहीं मां लक्ष्मी महिला किसान की मदद करती दिखेंगी. जबकि कार्तिक और मां सरस्वती कुम्हार के मटका बनाने में सहयोग करती दिखेंगी. मां का आशीर्वाद स्वरोजगार और अन्न उपजाने वाले इन श्रमजीवियों को मिलता दिखेगा. आनंदपुरी पूजा पंडाल इस वर्ष 12 सौ वर्ग फीट का बनाया जा रहा है. स्थापना काल से वर्ष 2017 तक हिमगिरी चौराहा पर बैठने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा के निर्माता बबलू पाल रहे. वर्ष 2018 के बाद आयोजकों ने गुजरात के मूर्तिकार तपस पाल को यह जिम्मेवारी सौंपी गई. इस वर्ष प्रतिमा बनाने की जिम्मेवारी मूर्तिकार अभिजीत पाल को सौंपी गयी है. पूजा आयोजन में इस वर्ष यहां का बजट लगभग 25 लाख रुपये अनुमानित है.

भंडारे का होता है आयोजन

पूजा समिति द्वारा यहां हर वर्ष भोग प्रसाद के अलावा भंडारा का भी आयोजन होता है. इस वर्ष 3 से 8  के बीच शाम 7 बजे से 9 बजे के बीच प्रतिदिन विशाल भंडार का आयोजन होगा. शारदीय नवरात्रि में माता को सप्तमी तिथि को खीर-पूड़ी, अष्टमी तिथि को शुद्ध घी में बने केसरिया हलवा का भोग माता रानी को लगाया जाता है. इस भोग को भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है. नवमी तिथि को कन्या पूजन के बाद खिचड़ी का भोग लगाकर भक्तों व श्रद्धालुओं के बीच वितरण होता है. दसवीं तिथि को विशाल भंडारा का आयोजन होता है. पूजा की जिम्मेवारी पंडित शंभू बाबा को सौंपी गई है.

 

 

पटना  न्यूज़ डेस्क

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