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Patna  पटना के ग्रामीण इलाके का भूजल स्तर 15 फुट नीचे गया

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बिहार न्यूज़ डेस्क  गर्मी का असर अब भूजल स्तर पर दिखाई देना शुरू हो चुका है. पटना जिले के ग्रामीण इलाके में तेजी से भूजल स्तर नीचे गया है. पिछले दस दिनों की पड़ी गर्मी में पांच फूट तक भूजल स्तर नीचे खिसका है. यह भयावह स्थिति पटना पश्चिमी के ग्रामीण इलाके धनरूआ, मसौढ़ी, पालीगंज और मनरे का है.

इन इलाकों का भूजल स्तर मार्च महीने में 22 से 23 फुट तक था, जो अभी गिरकर 28 फुट पर पहुंच चुका है. पटना पूर्वी में बाढ़ के भटगांव पंचायत का भूजल स्तर सबसे अधिक गिरा है. यहां का भूजल स्तर 29 फूट पर पहुंच चुका है. इसके अलावा मोकामा, पंडारक, खुसरूपुर, पटना सदर, घोसवड़ी, फतुहा का भूजल स्तर 25 फूट पर जा चुका है. पटना पश्चिमी की तुलना पूर्वी का भूजल स्तर भटगांव पंचायत को छोड़ अन्य प्रखंडों में काफी कम गिरा है. पीएचईडी का मानना है कि अबतक के भूजल स्तर में जल संकट की समस्या कहीं नहीं बनी है. भूजल स्तर 40 फुट के पार करने पर सामान्य चापाकल पानी देना बंद कर देता है. हाथी चापाकल 60 से 70 फूट पर चलते रहता है. पटना जिले के ग्रामीण इलाके में अब चापाकल ही लगाए जा रहे हैं.

पटवन शुरू होने पर और गिरेगा भूजलस्तर 25 मई से रोहनी नक्षत्र का आगमन होगा. किसान खरीफ फसल के लिए नर्सरी की तैयारी में जुट जाएंगे. धान, कपास, मक्का की नर्सरी तैयार की जाएगी और किसान पटवन शुरू कर देंगे. इस समय तेजी से भूजल स्तर में तेजी गिरावट होती है.

गंगा किनारे के इलाकों में कम गिरा भूजल स्तर

गंगा से सटे इलाके में भूजल स्तर कम और गंगा के दूर-दराज इलाके में अधिक नीचे गया है. पटना पश्चिमी का इलाका धनरूआ, मसौढ़ी, पालीगंज, मनेर गंगा से दूर हटकर है जिसके कारण भूजल स्तर पांच फुट तक गिरा है. पटना पूर्वी के सभी इलाके गंगा से सटे हुए हैं. जिससे भूजल स्तर में कम गिरावट हुई है.

 

 

पटना  न्यूज़ डेस्क

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