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Patna  कद-काठी की कुंठा से उबर भविष्य संवारने में जुटे 11 लाख बच्चे, बच्चे पहले काले रंग, छोटे कद के कारण हीन भावना से रहते थे ग्रासित
 

Patna  कद-काठी की कुंठा से उबर भविष्य संवारने में जुटे 11 लाख बच्चे, बच्चे पहले काले रंग, छोटे कद के कारण हीन भावना से रहते थे ग्रासित


बिहार न्यूज़ डेस्क अगर कमजोरियों पर काबू पा लिया तो कामयाबी की राह आसान हो जाती है. कुछ ऐसा ही बिहार के 11 लाख से अधिक स्कूली बच्चों ने कर दिखाया है. काले रंग, छोटे कद और दुबलेपन को लेकर हीनभावना से ग्रसित होने की जगह इन्होंने खुद को मजबूत बनाया. सोच को सकारात्मक रूप दिया. कद-काठी पर की जानेवाली फालतू बातों को हवा में उड़ा दिया. यह सब बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से चलाये जा रहे सेल्फ स्ट्रीम लाइफ स्किल कार्यक्रम के कारण संभव हो पाया है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत यूनिसेफ की मदद से यह कार्यक्रम 13 जिलों के 11050 स्कूल में चलाया गया. मई, 2022 से दिसंबर तक चले कार्यक्रम में छठी से आठवीं तक के 22.10 लाख बच्चे शामिल हुए.
शिक्षा मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा लिए गए फीडबैक में पाया गय कि कार्यक्रम ने 50 बच्चों की सोच बदल दी. जो बच्चे शारीरिक बनावट को लेकर हीनभावना से ग्रस्त थे, उनके अंदर सकारात्मक सोच विकसित हुई. आत्मविश्वास बढ़ा. 22 लाख से अधिक बच्चों में से 11 लाख पांच हजार ने कहा कि रंग या कद से कुछ नहीं होता, बस काबिलियत होनी चाहिए.
सर्वे में निकलीं ये बातें
● हमारे रंग या कद पर कोई कुछ बोले, फर्क नहीं पड़ता
● 50 विद्यार्थियों ने कहा, हम जैसे हैं, सबसे बेहतर हैं
● 60 फीसदी ने कहा, हमें जीवन में अपना लक्ष्य पाना है
● मुझे अब कोई क्रीम या पाउडर लगाने की जरूरत नहीं है
रंग,रूप को लेकर बच्चियों में खासकर काफी हीनभावना होती है. बचपन से ही बच्चियों में यह भावना आने लगती है कि वो दिखने में अच्छी नहीं है. गोरा होने के लिए कई प्रोडक्ट इस्तेमाल करने लगती हैं.
-डॉ. समिधा तिवारी, मनोवैज्ञानिक
कॉमिक्स से किया जा रहा जागरूक
यूनिसेफ ने छह तरह के टॉपिक्स पर कॉमिक्स तैयार किया है. इसके माध्यम से बच्चों को समझाया जाता है. कॉमिक्स को आधा फूल के कारनामे, आधा फूल और खजाने का नक्शा, आधा फूल और बदलीपुर के चीते, आधा फूल और फिल्म स्टार का अपहरण, आधा फूल और गायब हाथी, आधा फूल और खतरे में बदलीपुर, आधा फूल और बोलती चट्टान नाम दिया गया.
छह सदस्यीय टीम ने किया सर्वे

कार्यक्रम से क्या कुछ हासिल हुआ, इसे जानने के लिए छह सदस्यीय टीम बनाई गयी. इसमें शिक्षा मंत्रालय के दो अधिकारी, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के एक और यूनिसेफ से दो अधिकारी शामिल थे.
सभी स्कूलों के बच्चों से प्रश्नोत्तर भरवाया गया. जनवरी-फरवरी में इसकी रिपोर्ट आई.
इन जिलों के स्कूलों में हुए स्किल कार्यक्रम
जिला कुल स्कूल
अररिया 629
सीतामढ़ी 893
पूर्णिया 842
सहरसा 510
दरभंगा 902
सारण 1057
वैशाली 964
बेगूसराय 746
भागलपुर 884
शेखपुरा 234
नालंदा 827
पटना 1153
गया 1409


पटना  न्यूज़ डेस्क
 

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