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Patna  ‘मनुष्य का शरीर आध्यात्मिक देह’, मनुष्य के पांच भौतिक शरीर और  मानसिक देह है इनमें हैं विभिन्न स्तर

Patna  ‘मनुष्य का शरीर आध्यात्मिक देह’, मनुष्य के पांच भौतिक शरीर और  मानसिक देह है इनमें हैं विभिन्न स्तर
 

बिहार न्यूज़ डेस्क आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से तीन दिवसीय योग साधना व सेमिनार का समापन पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के नजदीक संगठन मुख्यालय में हुआ.
कार्यक्रम में प्रभात संगीत, कीर्तन और सामूहिक साधना हुई. संगठन के केंद्रीय सचिव आचार्य विशुद्धात्मानन्द अवधूत ने आनंदमूर्ति के दर्शन पर चर्चा की. उन्होंने शांति की राह, गति प्रक्रिया आदि पर बातें कीं. उन्होंने कहा कि मान लीजिए आपको बहुत कष्टकर शारीरिक श्रम करना पड़ता है. जब आप थक जाऐंगे. कोई शारीरिक श्रम किए बगैर लगातार बौद्धिक श्रम से भी आप थक जायेंगे. इस अवस्था में आप शरीर और मन दोनों में ही थकावट महसूस करेंगे. मनुष्य का शरीर केवल जड़ देह नहीं, बल्कि  साथ यह मानसिक देह और आध्यात्मिक देह भी है. लेकिन आध्यात्मिक देह बोलकर कोई अस्तित्व नहीं हो सकता है. मनुष्य के पांच भौतिक शरीर और  मानसिक देह है. इनमें विभिन्न स्तर हैं. आपका शरीर जो कुछ कर रहा है, आपकी आत्मा उसके साथ जुड़ी है.
आपकी आत्मा आपके मानस देह का भी साक्षी तत्व

आचार्य विशुद्धात्मानन्द अवधूत ने कहा कि आपकी आत्मा आपके मानस देह का भी साक्षी तत्व है. जो देख रहा है कि आपका मन क्या कर रहा है. यही साक्षी सत्ता है, यह कोई देह नहीं है. जब यह साक्षी तत्व किसी व्यष्टि के संपर्क में आ जाता है, तो हम उसे जीवात्मा कहते हैं. जब वह विश्व के सब अस्तित्वों का ज्ञाता हो जाता है, तब वह परम चैतन्य सत्ता हो जाती है.


पटना  न्यूज़ डेस्क

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