Samachar Nama
×

Patna  पशुपालकों को पहली बार दूध की राशि सीधे खाते में भेजी गई

Jaipur 5/लीटर अधिक देकर निजी डेयरियां खरीद रही हैं सरस पशुपालकों से दूध

बिहार न्यूज़ डेस्क  ट्रायल सफल रहा. पहली बार नालंदा की 10 दुग्ध समितियों से जुड़े करीब सात सौ पशुपालकों को दुग्ध मूल्य की राशि उनके खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांजेक्शन) के माध्यम से भेजी गयी है.

अब इन समितियों के पालकों को दूध के एवज में राशि के लिए दुग्ध समितियों के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा. हर माह जितना दूध की आपूर्ति करेंगे, उतनी राशि डेयरी किसानों के खाते में भेज देगी. भुगतान की नयी व्यवस्था को लागू करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पिछले साल नालंदा की दस समितियों का चयन किया गया था. नवंबर- में घर-घर जाकर नालंदा और पटना डेयरी के कर्मियों द्वारा पालकों के डाटे जुटाये गये थे. जिन किसानों के बैंक खाते नहीं थे, उन्हें नया खुलवाया गया था. सारी प्रक्रिया पूरी हुई तो  के दूसरे सप्ताह में पालकों के खाते में डीबीटी से माध्यम से राशि भेजी गयी. आगे चरणबद्ध तरीके से नालंदा की कुल 750 समितियों के किसानों को बैंकों से जोड़ा जाएगा. आने वाले दिनों में नालंदा सूबे का पहला जिला होगा,जहां सभी दुग्ध उत्पादकों के खाते में ही दुग्ध की राशि का भुगतान होने लगेगा. इसके बाद सूबे के अन्य जिलों में भी इसे लागू करने की योजना है. के भी खाते में राशि भेज दी जाएगी. 

तो पालकों को मिलेगी बड़ी राहत नालंदा में 20 प्रखंड हैं. दस प्रखंडों की समितियां नालंदा डेयरी तो 10 पटना डेयरी के अधीन हैं. वर्तमान में कॉम्फेड द्वारा दुग्ध समितियों को दूध आपूर्ति के विरुद्ध राशि का भुगतान किया जाता है. फिर समिति के स्तर से पालकों को बैंक अथवा नगद भुगतान किया जाता है. कई मौकों पर समिति और पालकों के बीच रुपए की लेन-देन में विवाद की नौबत बन आती है. भुगतान की पुरानी व्यवस्था खत्म होगी और नयी लागू होगी तो इन विवादों से छुटकारा मिल जाएगा. पालकों को बड़ी राहत मिलेगी.

पायलट प्रोजेक्ट के लिए इन समितियों का चयन

दनियावां पेंदापुर (एकंगरसराय), कुरमिया बिगहा (हिलसा), गंगटा (हरनौत), सालेपुर उतरी (एकंगरसराय), दुलरुआ बिगहा (सिलाव), सैदी (कतरीसराय), चन्द्रबिगहा, दक्षिण मलावां (सरमेरा), महमदपुर(अस्थावां), कटौना (कतरीसराय).

दूसरे फेज में 20 समितियों का चयन

परिणाम बेहतर आने के बाद दूसरे फेज में नालंदा डेयरी की 10 तो पटना डेयरी से जुड़ीं 10 समितियों के पालकों को भी डीबीटी से माध्यम से दुग्ध मूल्य का भुगतान करने की कवायद शुरू कर दी गयी है. डेयरी के कर्मियों द्वारा किसानों से मिलकर उनके बैंक खाते के आंकड़े जुटाये जा रहे हैं. जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं, उन्हें नया खुलवाया जा रहा है.

डेयरी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सबकुछ ठीकठाक रहा तो 31  इन समितियों के किसानों के भी खाते में राशि भेज दी जाएगी.

1. डेयरी द्वारा दूध की कीमत का भुगतान सीधे पशुपालक के खाते में होगा.

2. बैंक खाते से लेने-देन होने पर ऋण की सुविधा लेने में सहूलियत होगी.

3. बैंकों से जुड़कर पालक दुर्घटना बीमा की सुविधा न्यूनतम शुल्क पर ले सकेंगे.

4. राशि भुगतान में पारदर्शिता आएगी तो पालक व समिति में विवाद की नौबत नहीं आएगी.

5. बोनस व अनुदान का भुगतान भी खाते के माध्यम से ही हो सकेगा.

 

 

पटना  न्यूज़ डेस्क

Share this story

Tags