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Patna  आंत रोगियों के इलाज को खुली बिहार की पहली स्टोमा क्लीनिक

स्वास्थ्य कर्मियों के लिए खुशखबरी! केंद्र ने बीमा योजना को 180 दिनों के लिए बढ़ाया   केंद्र सरकार ने बुधवार को 'प्रधान मंत्री गरीब कल्याण पैकेज: कोविद -19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों के लिए बीमा योजना' को 180 दिनों की अवधि के लिए बढ़ा दिया। बीमा पॉलिसी की वर्तमान अवधि बुधवार को समाप्त हो रही है।  यह योजना पिछले साल 30 मार्च को शुरू की गई थी, जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और निजी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सहित 22.12 लाख स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं को 50 लाख रुपये का व्यापक व्यक्तिगत दुर्घटना कवर प्रदान किया गया था, जो कोविद -19 रोगियों के सीधे संपर्क और देखभाल में रहे होंगे और हो सकते हैं संक्रमण के उच्च जोखिम में।  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) योजना सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के परिवार को 50 लाख रुपये का आश्वासन देती है, जिनकी कोविद -19 के कारण मृत्यु हो गई।  चूंकि कोविद -19 महामारी अभी भी समाप्त नहीं हुई है और कोविद से संबंधित कर्तव्यों के लिए तैनात स्वास्थ्य कर्मियों की मृत्यु अभी भी विभिन्न राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से रिपोर्ट की जा रही है, इसलिए बीमा पॉलिसी को 21 अक्टूबर से 180 दिनों की और अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को सुरक्षा कवच प्रदान करना जारी रखने के लिए, जिन्हें कोविद -19 रोगियों की देखभाल के लिए नियुक्त किया गया है। बयान में कहा गया है कि इस योजना के तहत अब तक 1,351 दावों का भुगतान किया जा चुका है। इस आशय का एक पत्र सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को जारी किया गया है।

बिहार न्यूज़ डेस्क जिनकी आंत खराब हो चुकी है और इसके कारण वह मल-मूत्र त्यागने में असमर्थ हैं, उन मरीजों के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है. ऐसे रोगियों के इलाज के लिए पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के सामान्य सर्जरी विभाग में बिहार-झारखंड की पहली स्टोमा क्लीनिक की शुरुआत हुई.  क्लीनिक के उद्घाटन मौके पर स्टोमा मरीजों को होने वाली परेशानियों और उसके संभावित समाधान के बारे में चर्चा की गई.

आईजीआईएमएस के निदेशक डॉ. बिन्दे कुमार ने बताया कि यह बिहार व झारखंड में पहली स्टोमा क्लीनिक होगी. डीन अकादमिक डॉ.ओम कुमार ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए डॉ. पीके झा को बधाई दी. आईजीआईएमएस के उप निदेशक सह चिकित्सा अधीक्षक प्रो.डॉ.मनीष मंडल ने बताया कि यह स्टोमा क्लीनिक भविष्य में इस प्रदेश के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगा. प्रो.डॉ.राजेश तिवारी ने बताया कि काफी दिनों से प्रदेश में जो कमी थी, उसको पूरा करने का सराहनीय कदम उठाया गया है. भविष्य में इसका लाभ सभी स्टोमा मरीजों को आसानी से मिल सके, यह भी सुनिश्चित किया गया है. इस क्लीनिक में स्टोमा के अलावा मरीज को मानसिक व सामाजिक परेशानियों को भी दूर करने का तरीका बताया जाएगा. यहां स्टोमा वाले मरीजों को पूरी देखभाल की जा सकेगी. इसके अलावा यहां जूनियर डॉक्टरों व नर्सिंग कर्मचारियों को स्टोमा केयर की बारीकियां सिखाई जाएंगी. समय-समय पर विभिन्न विभागों के नर्सिंग अफसरों को स्टोमा केयर विधि का प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जाएगा. यहां से तैयार ट्रेनर अन्य कर्मियों को आगे प्रशिक्षित करेंगे.

 

 

पटना  न्यूज़ डेस्क

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