Patna गैंगरेप में तीन दुष्कर्मियों को अंतिम सांस तक जेल की सजा सरमेरा थाना क्षेत्र का है मामला, बस स्टैंड से अगवा कर घटना को दिया था अंजाम
बिहार न्यूज़ डेस्क मां की डांट-फटकार से नाराज होकर मौसी के घर जाने के लिए निकली नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में तीन दोषियों को ताउम्र (अंतिम सांस तक) जेल की सजा सुनाई गयी. साथ ही, 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
स्थानीय व्यवहार न्यायालय के विशेष पॉक्सो जज संतोष कुमार गुप्ता ने दो आरोपित दहन यादव व बबलू कुमार को रेप के साथ ही एससी-एसटी अधिनियम में भी दोषी पाते हुए तीन-तीन साल व 10-10 हजार रुपये का जुर्माना किया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर तीन-तीन माह का अलग से सजा काटना होगा. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. जुर्माने की राशि पीड़िता को मिलेगी. इसके अलावा पीड़ित प्रतिकर योजना से पांच लाख रुपए पीड़िता को सहायता राशि देने का आदेश दिया है. आरोपित दहन यादव व अरविंद चौधरी सरमेरा थाना क्षेत्र के बसेढ़तर मोहल्ला का निवासी है. तीसरा आरोपित बबलू कुमार अहियापुर का है.
अभियोजन की ओर से सुशील कुमार ने सभी 10 लोगों की गवाही करायी थी. मुकदमों की सुनवाई स्पीडी ट्रायल से हुई. स्पेशल पीपी श्री कुमार ने बताया कि 18 जून 2018 की संध्या साढ़े सात बजे खाना बनाने को लेकर नाबालिग को मां ने डांटा था. इसपर गुस्से में आकर मौसी के यहां जाने के लिए निकली. सरमेरा बस पड़ाव पर वह बस का इंतजार कर रही थी. इसी दौरान आरोपी ने मौसी के यहां पहुंचाने की बात कह बाइक पर बैठा अहियापुर मुसहरी स्थित सुनसान झोपड़ी में ले गया. जहां तीन अन्य को बुलाया. इसके बाद सबने उसके साथ दुष्कर्म किया. इतना ही नहीं, आरोपितों ने बारी बारी से घटना का फोटो और वीडियो भी बनाया. इसके बाद पीड़िता को मुंह बंद कर बाइक से बस पड़ाव के पीछे छोड़ भाग गया था. वहां से लौटने पर परिजनों को घटना की जानकारी दी.
इस जघन्य घटना में पुलिस की उस वक्त लापरवाही सामने आई, जब पुलिस ने निर्धारित समय सीमा पर आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित नहीं किया. यही कारण रहा कि तीनों आरोपित घटना के तीन महीने बाद ही जमानत पाने में सफल रहे थे. चौथा आरोपित नाबालिग रहने के कारण जुबेनाइल कोर्ट में मामला चला था.
पटना न्यूज़ डेस्क