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Patna  पावापुरी में 10 दिवसीय साधना शिविर हुई शुरू

 बोधगया बिहार की फेमस जगहों में बोधगया भी है। बोधगया में ही भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

बिहार न्यूज़ डेस्क पावापुरी के गांव मंदिर में  की शाम से 10 दिवसीय सत्य साधना शिविर की शुरुआत हो गई. जैनाचार्य जिनचंद्र सूरीश्वर महाराज आदि ठाणा के सानिध्य में भगवान महावीर के निर्वाण स्थली में महावीर स्वामी की पूजा के साथ शिविर का शुभारंभ किया गया.

जैन श्वेतांबर भंडार तीर्थ के सचिव शांतिलाल बोथरा ने बताया कि इसी पावन धरती पर भगवान महावीर स्वामी 2549 वर्ष पूर्व निर्वाण को प्राप्त किए थे. इस धरती पर महाराज श्री के सानिध्य में शिविर 10 दिनों तक चलेगा. महाराज ने कहा कि सत्य साधना की क्रिया का निरंतर अभ्यास करने से असीम शांति प्राप्त होती है. वर्तमान समय में जीवन में तनाव से सर्वाधिक मनुष्य पीड़ित हैं. शिविर में भाग लेकर अभ्यास करने वाले व्यक्ति की जीवन शैली में कई सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देते हैं. शिविर में  द्वितीय दिवस खरतरगच्छाधिपति जिनचंद्र सूरीश्वर जी ने कहा कि तीर्थंकर भगवान महावीर ने संसार चक्र को समझाने का मार्ग बता दिया. सभी साधकों ने सत्य दर्शन की साधना की शुरुआत की. सत्य दर्शन यानी सम्यक दर्शन समतापूर्वक अपने शरीर के सेंसेशन को देखना और कोई प्रतिक्रिया नहीं करना. सत्य दर्शन में शरीर के छोटे-छोटे हिस्सों में सेंसेशन को अनुभव करना होता है और समता को बनाए रखना होता है. इस अवसर पर प्रदीप वैद्य, हेमचंद भूरा, अशोक मेहता, अजय सिंह आदि मौजूद थे.

सैनिक स्कूल में प्रतियोगिता शुरू

सैनिक स्कूल में अंतर सदनीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आगाज फुटबॉल मैच से हुआ. पहले मैच में महावीर सदन ने वरिष्ठ वर्ग के अशोक सदन को एक गोल से हराकर जीत दर्ज की. प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए कार्यवाहक प्राचार्य ले. कर्नल अमित कुमार त्यागी ने खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर परिचय प्राप्त किया.

उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास में खेलकूद का अहम योगदान है. इससे बच्चों में अनुशासन, नेतृत्व व टीम भावना से काम करने के गुणों का विकास होता है. 10 दिवसीय प्रतियोगिता में 328 सैन्य छात्र व छात्रायें मुख्य रूप से फुटबॉल, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल तथा हाकी में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे. वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता में अधिकतम कैडेट भाग लें, इसके लिए वरिष्ठ एवं कनिष्ठ वर्ग बनाकर चार सदनों में विभाजित किया गया है. कनिष्ठ वर्ग में सातवीं से नौवीं तथा वरिष्ठ वर्ग में दसवीं से बारहवीं के छात्र-छात्राओं को रखा गया है.

सदन को चैंपियन बनाने के लिए प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर देते हैं.

 

 

पटना  न्यूज़ डेस्क

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