पाली के तखतगढ़ धाम के संत अभयदास महाराज ने जताया जालौर में चातुर्मास करने का संकल्प, फेसबुक पोस्ट से की जानकारी
पाली जिले के प्रसिद्ध तखतगढ़ धाम के संत अभयदास महाराज फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने सोमवार को फेसबुक पोस्ट के माध्यम से बताया कि वे जालौर पहुंच चुके हैं और कालका कॉलोनी स्थित जागनाथ मंदिर में ठहरे हुए हैं। महाराज ने साफ कर दिया है कि वे यहीं 8 अगस्त तक चातुर्मास पूरा करेंगे।
संत अभयदास महाराज का फेसबुक पोस्ट
सोमवार शाम लगभग 4:30 बजे अभयदास महाराज ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की जिसमें उन्होंने कहा, "किसी कलेक्टर या एसपी को यह अधिकार नहीं कि वह किसी संत को भक्त के घर जाने से रोक सके। मैं जालौर में रहूंगा और यहीं चातुर्मास पूर्ण करूंगा।" यह बयान सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
जालौर पहुंचने की जानकारी
इसके पहले दोपहर में महाराज ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने तखतगढ़ से जालौर के लिए अपनी यात्रा की जानकारी दी। दोपहर 1:30 बजे उन्होंने एक और पोस्ट में बताया कि वे जालौर बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं और अब आगे के कार्यक्रम के लिए तैयार हैं।
चातुर्मास का महत्व
चातुर्मास हिंदू धर्म में चार महीने का वह काल होता है, जिसमें साधु-संत लोक से दूर एक जगह ठहरकर ध्यान, पूजा और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। यह समय शरद ऋतु से लेकर वसंत ऋतु तक चलता है। संत अभयदास महाराज ने इस बार जालौर को अपने चातुर्मास स्थल के रूप में चुना है, जो उनके अनुयायियों के बीच विशेष महत्व रखता है।
संतों और प्रशासन के बीच विवाद
महाराज का यह बयान ऐसे समय आया है जब कहीं न कहीं प्रशासन और संतों के बीच गतिरोध की खबरें भी आ रही हैं। अभयदास महाराज ने स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी दबाव में नहीं आएंगे और अपनी धार्मिक जिम्मेदारी पूरी करेंगे। उनके समर्थक भी इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं और उनकी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय माहौल
जालौर में संत अभयदास महाराज के चातुर्मास के फैसले के बाद इलाके में धार्मिक उत्साह बढ़ गया है। भक्तजन उनकी उपस्थिति से उत्साहित हैं और आगामी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे हैं। प्रशासन ने भी शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

