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रोहट: घरेलू विवाद में बहू ने सास पर डंडे से किया हमला, बुजुर्ग महिला घायल

रोहट: घरेलू विवाद में बहू ने सास पर डंडे से किया हमला, बुजुर्ग महिला घायल

थाना क्षेत्र के खुटानी गांव में रविवार को घरेलू विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। आपसी कहासुनी के दौरान एक बहू ने अपनी 70 वर्षीय सास पर डंडे से हमला कर दिया। घटना में बुजुर्ग महिला के सिर और पैर में गंभीर चोटें आईं। घायल अवस्था में परिजन उन्हें पाली के बांगड़ अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उनका उपचार जारी है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, परिवार के भीतर तनावपूर्ण माहौल और विवाद लंबे समय से चल रहा था। रविवार को आपसी कहासुनी अचानक हिंसक घटना में बदल गई। आसपास के ग्रामीणों ने परिजनों की मदद से घायल महिला को तुरंत अस्पताल पहुंचाया।

पुलिस ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। घायल महिला के बयान और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ के बाद आरोपी बहू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने यह भी कहा कि घरेलू हिंसा की घटनाओं को गंभीरता से लिया जा रहा है और आरोपी के खिलाफ उचित कानूनी प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू हिंसा समाज में गंभीर समस्या है, और इसके लिए परिवार और समुदाय दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है। बुजुर्गों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि परिवार के भीतर विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत और समझदारी की कमी से हिंसक परिणाम सामने आ सकते हैं।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे घरेलू विवादों को गंभीरता से लें और किसी भी हिंसक घटना की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें। उन्होंने कहा कि समय पर कार्रवाई से ऐसे हादसों को रोका जा सकता है।

घटना ने खुटानी गांव और आसपास के क्षेत्रों में चिंता पैदा कर दी है। लोग इस बात पर गहरी संवेदनशीलता दिखा रहे हैं कि बुजुर्गों के साथ हिंसा बिल्कुल अस्वीकार्य है। स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से भी यह जरूरी है कि बुजुर्गों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

पुलिस का कहना है कि मामले की पूरी जांच और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के बाद ही अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके अलावा, अस्पताल में बुजुर्ग महिला का इलाज जारी है और उन्हें पूर्ण सुरक्षा और चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा रही है।

खुटानी गांव की यह घटना यह संदेश देती है कि घरेलू विवाद और हिंसा पर नजर रखना अत्यंत जरूरी है। परिवार और समाज दोनों को मिलकर ऐसे मामलों को रोकने और बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा।

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