उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जिला प्रशासन ने सर्किल रेट बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है. इसके लिए निबंधन विभाग और जिला प्रशासन की टीम सर्वे कर रही है. उम्मीद है कि एक सप्ताह के अंदर बाजार रेट को लेकर सर्वे पूरा कर लिया जाएगा.
सर्किल रेट का निर्धारण जिला प्रशासन करता है. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सर्किल रेट पर मुहर लगाई जाती है. आम तौर पर एक अगस्त से नए सर्किल रेट लागू हो जाते हैं, लेकिन बीते वर्षों में कुछ बार सितंबर-अक्तूबर में नए रेट लागू किए गए. इसी क्रम में इस बार भी नए सर्किल रेट निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि निबंधन विभाग के सबरजिस्ट्रार, तहसीलदार और एसडीएम के नेतृत्व में बनी टीम बाजार रेट का सर्वे कर रही है.
टीम क्षेत्र में जाकर बाजार और सर्किल रेट का मूल्यांकन कर रही है. व्यावसायिक, आवासीय, संस्थागत, औद्योगिक आदि क्षेत्र में टीम जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि जहां जरूरत लगेगी, वहां पर सर्किल रेट को बाजार रेट के आसपास तय किया जाएगा. इससे पहले उस इलाके से बीते वर्षों में हुई रजिस्ट्री का डाटा भी निकाला जा रहा है. अगर उस किसी खास एरिया की संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं हो रही है तो ऐसे में अंदेशा लगाया जाता है कि वहां रेट अधिक है. अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि एक सप्ताह में सर्वे कर पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने फंदा लगाकर जान दी
सेक्टर-168 की लोटस जिंग सोसाइटी में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने मानसिक तनाव के चलते रात अपने घर में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस को उनके पास कोई सुसाइड नोट नहीं मिला.
एक्सप्रेसवे थाना प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले 40 वर्षीय अधिवक्ता सत्येंद्र राय सेक्टर-168 स्थित लोटस जिंग सोसाइटी में रहते थे. उन्होंने की रात को अपने फ्लैट में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस को सत्येंद्र के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं मिला है. लोगों ने पूछताछ में बताया कि अधिवक्ता पिछले काफी दिनों से तनाव में थे. उनके यहां काम करने वाली घरेलू सहायिका ने बताया कि वह दो दिन से भोजन नहीं कर रहे थे. वह तनाव के चलते शराब का लगातार सेवन कर रहे थे.
नोएडा न्यूज़ डेस्क