
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क शासन की ओर से निजी मोटर प्रशिक्षण स्कूलों के मानकों में बदलाव किया गया है. इसमें सिम्युलेटर तकनीक अनिवार्य करने समेत अन्य परिवर्तन शामिल हैं. छह माह के भीतर मानकों के अनुरूप बदलाव न करने पर मोटर प्रशिक्षण स्कूल का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा.
एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा ने कहा कि जिले में 13 मोटर प्रशिक्षण स्कूल हैं और सभी को मानकों के अनुरूप बदलाव करना है. उन्होंने कहा कि दो पहिया हल्के वाहनों के प्रशिक्षण स्कूल में स्वागत कक्ष 180 वर्ग फीट होना चाहिए, जिसमें इंटरनेट कनेक्शन कम्यूटर और प्रिंटर होना अनिवार्य है.
यह है नई व्यवस्था
सिम्युलेटर तकनीक में एक कक्ष में बड़ी स्क्रीन होती है, जिसे देखकर व्यक्ति को लगता है कि वह सड़क पर गाड़ी चला रहा है. सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण में वाहन चालक को यातायात नियमों की जानकारी दी जाती है. इससे व्यक्ति को सड़क पर वाहन चलाने का प्रशिक्षण देने की आवश्यकता नहीं पड़ती.
नोएडा न्यूज़ डेस्क