
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे सफाई कर्मचारी भी काम पर वापस नहीं लौटे. वहीं, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने निजी कंपनी से कर्मचारी लेकर सफाई शुरू करा दी. हड़ताल पर बैठेकर्मचारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय के बाहर सफाई कर्मचारी 10 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. दीपावली, गोवर्धन और भैया दूज के दिन भी उनकी हड़ताल जारी रही. वे मानदेय बढ़ाने, मानदेय के बराबर बोनस देने आदि की मांग कर रहे हैं. शहर में सफाई कर्मचारियों के हड़ताल का खामियाजा निवासियों को भुगतना पड़ रहा था. वे प्राधिकरण से सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग कर रहे थे. इसके बाद प्राधिकरण ने पहल की.
प्राधिकरण ने सभी सफाईकर्मियों को मानदेय और बोनस कर्मियों के खातों में भिजवा दिया. इसके बावजूद वे काम पर नहीं लौटे. बिगड़ती सफाई व्यवस्था को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने से एजेंसी से कर्मचारी लेकर शहर में सफाई शुरू करवाई. को कई सेक्टर और गांवों में कूड़ा उठाया गया था. इसमें 50 से अधिक वाहनों को लगाया गया था. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दूसरे दिन भी सफाई अभियान चलाया. सेक्टर बीटा-1, डेल्टा, गामा और कासना गांव में सफाई अभियान चलाया गया. वहीं, निजी से सफाई कराने का विरोध शुरू हो गया.
उत्तर प्रदेश सफाई कर्मचारी संघ के नगर अध्यक्ष रोहित मेहरा ने बताया कि काफी लंबे समय से प्राधिकरण द्वारा उनकी मांगों को अनदेखा किया गया. हर बार आवासन देने के बाद वह कार्य शुरू कर देते, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. जब तक प्राधिकरण द्वारा सभी को वेतन का भुगतान और वेतन में वृद्धि सहित अन्य मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा. उनका धरना समाप्त नहीं होगा. उन्होंने कहा कि किसी निजी कंपनी से सफाई कराना सरासर गलत है, जिसका सभी कर्मियों द्वारा विरोध किया जाएगा. साथ ही, कंपनी के कर्मचारियों को काम करने से रोका जाएगा.
नोएडा न्यूज़ डेस्क