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Noida  आठ वर्ष बाद भी स्टेडियम में सुविधाओं की कमी

Noida  आठ वर्ष बाद भी स्टेडियम में सुविधाओं की कमी
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  नोएडा स्टेडियम में दूधिया रोशनी (फ्लड लाइट) की व्यवस्था नहीं होने से डे-नाइट अभ्यास के साथ ही बड़े आयोजन नहीं हो पा रहा हैं. करीब 600 करोड़ की लागत से बने स्टेडियम में बीसीसीआई का काई टूर्नामेंट नहीं हुआ है. वहीं, स्केटिंग के बैंक ट्रैक, एथलेटिक्स ट्रैक, हॉकी ग्राउंड सहित कई सुविधाओं का इंतजार है.
प्राधिकरण का यह स्टेडियम आठ साल पहले बनकर तैयार हो गया था. 30 हजार दर्शक क्षमता वाले स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए इसमें फ्लड लाइट, इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड, दर्शक दीर्घा में कुर्सियां लगाने के काम की घोषणा पांच साल पहले हुई थी.  साल पहले  एजेंसी को यह काम दिया गया, लेकिन इनमें से  भी काम शुरू नहीं हुआ है. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मदन लाल, पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर आरपी सिंह ने क्रिकेट स्टेडियम का दौरा कर ग्राउंड को शानदार बताया था. बावजूद इसके विकास कार्य अधूरे हैं.
इसके अलावा लगातार घोषणाओं के बावजूद स्टेडियम में एथलेटिक्स ट्रैक नहीं बनाया जा सका है. प्राधिकरण ने दो महीने पहले इसे बनाने की पहल की थी, लेकिन इसके लिए कोई ठोस कार्य नहीं हुए. स्केटिंग का बैंक ट्रैक, सिंथेटिक फुटबॉल ग्राउंड, स्वीमिंग पूल सहित कई खेल सुविधाओं की योजना अटकी हुई है.
स्टेडियम मेंहैंये खेल सुविधाएं : नोएडा स्टेडियम में टेनिस, टेबल टेनिस, फुटबॉल, स्केटिंग, बास्केटबॉल, क्रिकेट, गोल्फ, बैडमिंटन, कुश्ती सहित 20 से ज्यादा खेलों के अभ्यास की सुविधा है. इसके अलावा  इंडोर स्टेडियम भी है. इनमें से इंडोर स्टेडियम में हैंडबॉल की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित हो चुकी है. प्रो कबड्डी लीग टूर्नामेंट भी हुआ है.  दशक पहले अंतरराष्ट्रीय टेनिस प्रतियोगिता भी आयोजित हो चुकी है.


दिल्ली में अभ्यास कर रहे शहर के खिलाड़ी
खेल सुविधाओं के नहीं होने से  हजार खिलाड़ी प्रभावित हुए हैं. एथलेटिक्स की विभिन्न स्पर्धाओं का अभ्यास करने वाले 500 से ज्यादा खिलाड़ी हैं. यह खिलाड़ी दिल्ली या सामान्य ग्राउंड में अभ्यास करते हैं. इसके बावजूद जिले के प्रतिभावान खिलाड़ियों ने प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते हैं. वहीं, स्केटिंग में स्पीड की स्पर्धा बैंक ट्रैक पर होती है, लेकिन स्टेडियम में इसकी सुविधा नहीं है. इस बारे में कई बार खेल प्रेमियों ने पत्र लिखा, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके अलावा नोएडा के 300 से ज्यादा तैराक निजी स्वीमिंग पूल में प्रशिक्षण लेते हैं. एथलेटिक्स के प्रशिक्षक एके सैनी बताते हैं कि नोएडा में सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक बनने से अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों को काफी फायदा होगा, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर की सभी प्रतियोगिताएं अब सिंथेटिक कोर्ट पर होती हैं.
जिले में  भी सरकारी हॉकी मैदान नहीं
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्टेडियम में राष्ट्रीय खेल हॉकी का मैदान नहीं है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इस खेल का  भी एस्ट्रो टर्फ मैदान नहीं हैं. वहीं दोनों स्टेडियम में सामान्य मैदान के लिए भी जगह निर्धारित नहीं की गई. हॉकी का खेल सिर्फ स्कूलों में सिमट कर रह गया है. करीब 10 निजी स्कूलों में इस खेल का अभ्यास होता है.
खेलों के आयोजन और अभ्यास के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी. इसकी प्रक्रिया चल रही है. स्टेडियम में ज्यादातर खेलों में अच्छी सुविधाएं खिलाड़ियों को मिल रही हैं.


नोएडा न्यूज़ डेस्क
 

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