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Noida  भूमाफिया ने 500 करोड़ की सरकारी जमीन बेची, बारा जांच शुरू

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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  भूमाफिया ने जारचा और नूरपुर में 500 करोड़ की सरकारी जमीन बेच दी. मामले में लेखपाल चंद्रवीर सिंह की रिपोर्ट के आधार पर अपर आयुक्त मेरठ मंडल ने  जिलाधिकारी मनीष कुमार को बारा जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए.

जारचा और नूरपुर में शत्रु संपत्ति की कस्टोडियन जमीन और सरकारी जमीन का फर्जी विक्रेता खड़ा कर बेचने वाले गिरोह के खिलाफ मेरठ अपर आयुक्त ने जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को जांच करने के आदेश दिए हैं. मामले में सरकारी कस्टोडियन जमीन को फर्जी तरीके से बेचकर करीब 500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है. मेरठ अपर आयुक्त ने कस्टोडियन जमीन के करीब 500 करोड़ के घोटाले की जांच के लिए जिला अधिकारी को पत्र जारी किया है.

भूमाफिया ने दादरी तहसील के नूरपुर गांव की करीब 100 बीघा कस्टोडियन जमीन को फर्जी तरीके से बेच दिया. यह जमीन उन लोगों की थी, जो आजादी के बाद देश छोड़कर चले गए थे. ऐसे लोगों की जमीन को कस्टोडियन जमीन घोषित किया गया था. इसके अलावा गांव नूरपुर और जारचा में ग्राम सभा समेत अन्य सैकड़ों बीघा जमीन को फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर बेचा गया.

सरकारी जमीन को बेचकर भू माफिया ने करीब 500 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया. मामले में शामिल सभी आरोपियों को  साल पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी ने भूमाफिया घोषित किया था. इसके बावजूद यह फाइल दब गई. अब इस मामले में बारा मेरठ अपरायुक्त शमशाद हुसैन ने जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा को भूमाफिया घोषित किए गए  लोगों के खिलाफ जांच पूरी कर रिपोर्ट देने और कार्रवाई के लिए कहा है. जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

लेखपाल को फर्जी मामले में फंसाया इस मामले की जांच दादरी तहसील में लेखपाल चंद्रवीर कर रहे थे. लेखपाल ने बताया कि जांच के दौरान गलत आख्या प्रस्तुत करने का उन पर दबाव बनाया गया. जब गलत आख्या नहीं लगाई गई, तो फर्जी मेडिकल बनवाकर उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया. इसके बाद लेखपाल ने अपने मुकदमे की पैरवी की और फर्जी मेडिकल तथा अन्य दस्तावेज पुलिस को सौंपे.

 

 

नोएडा न्यूज़ डेस्क

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