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Noida  किसानों की मांगें शासन के सामने रखी जाएंगी

कठिया गांव में राहुल गांधी ने किसानों से बात की। वहीं, धान के खेत में राहुल गांधी ने हसिया लेकर मजदूरों के साथ कटाई भी की। राहुल गांधी को अपने पास पाकर मजदूर काफी खुश नजर आए।

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  किसानों की समस्या के समाधान के लिए बनाई गई हाईपावर कमेटी ने  पहली बार किसानों के साथ बैठक की. कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई इस बैठक में राजस्व परिषद के अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे ने किसानों के साथ वार्ता कर उनकी मांगों के संबंध में जानकारी ली. अधिकारियों ने किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद आश्वस्त किया है कि किसानों की मांगों को शासन के सामने रखकर उनका समाधान कराया जाएगा.

बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा भारतीय किसान परिषद, अखिल भारतीय किसान सभा व जय जवान जय किसान संगठन के पदाधिकारी शामिल रहे. इन किसान संगठनों के नेतृत्व में ही जिले में किसानों ने अपना आंलन चलाया था.

भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने बताया कि बैठक में हाईपावर कमेटी के अन्य सदस्य मेरठ मंडल की कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, जिलाधिकारी मनीष वर्मा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के सीईओ तथा अन्य अधिकारी मौजूद रहे. इस बैठक में किसानों ने अधिकारियों के सामने अपनी मांगों को रखीं. उन्होंने कहा कि इन मांगों को शीघ्र पूरा कराया जाए, इसे लेकर किसान लंबे समय से आंलनरत हैं.

लंबे आंलन और प्रदर्शनों के बाद बनी कमेटी वर्ष 2021 में लगातार चार महीने और 2023-24 में करीब  महीने तक किसान नोएडा प्राधिकरण दफ्तर के सामने धरने पर बैठे रहे. इस साल धरने के समय किसानों ने दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया था. किसानों को सेक्टर-95 दलित प्रेरणा स्थल के सामने पुलिस ने रोक दिया. उस दिन पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने आश्वासन दिया कि मांगों को लेकर शासन स्तर पर हाईपावर कमेटी का गठन कराया जाएगा. इसी क्रम में इस साल फरवरी महीने में बोर्ड ऑफ रेवन्यू के चेयरमैन की अध्यक्षता में  कमिटी का गठन किया गया जिसमें सदस्य के तौर पर मेरठ मंडल के आयुक्त व डीएम गौतमबुद्धनगर को बतौर सदस्य नियुक्त किया गया. शासन ने निर्देश दिया कि जिले के तीनों प्राधिकरण के सीईओ इस कमिटी की मदद करेंगे. कमिटी गठित हो जाने के बाद पिछले महीने बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के चेयरमैन ने नोएडा प्राधिकरण दफ्तर आकर अधिकारियों के साथ बैठक की थी. लेकिन तब इस बैठक में किसान शामिल नहीं हुए थे. किसानों के साथ  कमेटी की पहली बैठक हुई है

बैठक में ये मांगें रखी 

● 1997 के बाद के सभी किसानों को बढ़ी दर से मुआवजा दिया जाए. चाहे वह कोर्ट गए हो या नहीं

● किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूखंड दिया जाए

● आबादी जैसी है, वैसी छोड़ी जाए. विनियमितीकरण की 450 वर्गमीटर सीमा को बढ़ाकर 1000 प्रति वर्गमीटर किया जाए

● भूमि उपलब्धता न होने के कारण पात्र किसानों के 5 प्रतिशत आबादी भूखंड भू लेख विभाग में नहीं रोके जाएं, उनका नियोजन किया जाए

● पुश्तैनी गैर पुश्तैनी का भेद खत्म किया जाए

 

 

नोएडा न्यूज़ डेस्क

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