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Noida  हर सोसाइटी को लिफ्ट हादसों का रिकॉर्ड रजिस्टर में रखना होगा

Jamshedpur जुर्माना भरते हैं, पर नहीं पहनते हेलमेट, चिंताजनक बगैर हेलमेट सड़क हादसों में जाती है जान, बावजूद इसके नहीं संभलते शहरवासी

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  जिले की हर सोसाइटी को अब लिफ्ट हादसों का रजिस्टर में रिकॉर्ड रखना होगा. जांच के दौरान यह रिकॉर्ड पेश करना होगा. लिफ्ट हादसों को रोकने और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई तय करने के लिए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जिलास्तरीय कमेटी का गठन किया गया है.

जिला प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि लिफ्ट और एस्केलेटर और उनसे संबंधित सभी प्रकार की मशीनरी और उपकरणों के निर्माण, अनुरक्षण और सुरक्षित संचालन के लिए उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एक्सीलेटर ऐक्ट 2024 लागू किया जा चुका है.

इस ऐक्ट की धारा 10 के प्रावधानों के अनुसार पहले से मौजूद लिफ्ट और एस्केलेटर का छह माह में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. लिफ्ट और एस्केलेटर बनाने वाली कंपनियां भी इस दायरे में रखी गई हैं. निर्धारित समय में पंजीकरण न कराने पर जिम्मेदार के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि लिफ्ट से दुर्घटना होने पर डीएम समिति से जांच कराएंगे.

उन्होंने बताया कि जांच को तय समय सीमा के भीतर पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. साथ ही, सोसाइटियों को भी लिफ्ट से होने वाले हादसों का रजिस्टर बनाना होगा, जिसमें सभी दुर्घटनाएं अंकित की जाएंगी, यदि जांच के दौरान कोई भी जिम्मेदार रजिस्टर नहीं प्रस्तुत कर पाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. दावा किया जा रहा है कि समिति का गठन होने के बाद सोसाइटियों में लोगों को लिफ्ट हादसों से राहत मिल सकेगी.

ये अधिकारी समिति में शामिल

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति में संबंधित प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार, अधिशासी अधिकारी व पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता और सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा को शामिल किया गया है. किसी भी दुर्घटना के मामले में जिलाधिकारी, किसी विद्युत निरीक्षक और कार्यकारी मजिस्ट्रेट को संयुक्त रूप से जांच सौंप सकते हैं.

लिफ्ट गिरने से होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए जांच समिति का गठन करने के आदेश प्राप्त हुए हैं. समिति में संबंधित प्राधिकरण के सीईओ, एडीएम समेत पांच सदस्य शामिल किए गए हैं. ऐक्ट की नियमावली का अध्ययन किया जा रहा है.

-मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी

महिला की जान जा चुकी

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लिफ्ट से आए दिन हादसे होते हैं. इन्हें रोकने के लिए प्राधिकरण स्तर पर कई बार प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. पिछले वर्ष सेक्टर-137 पारस टियारा सोसाइटी में लिफ्ट टूटने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी. वहीं, कई होटल की लिफ्ट गिरने की घटनाएं भी सामने आ चुकी है. सोसाइटी में तो हर दिन कोई न कोई लिफ्ट में फंसता रहता है.

 

 

नोएडा न्यूज़ डेस्क

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