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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ गए हैं. 30 परियोजनाओं के बिल्डर बकाया जमा करने के लिए तैयार हो गए हैं. बकाये में 25 प्रतिशत राशि बिल्डर्स जमा करेंगे. इससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को करीब 300 करोड़ रुपये मिलेंगे. साथ ही, 6500 फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी. उनके फ्लैट की रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी.
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू करके बिल्डर-बायर्स मुद्दे को हल करने की कार्रवाई चल रही है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में 96 परियोजनाओं में करीब 72 हजार फ्लैट खरीदार फंसे हैं. इन पर करीब 5500 करोड़ रुपये बकाया हैं. इसमें किसी को फ्लैट नहीं मिला तो किसी की रजिस्ट्री नहीं हुई है. प्राधिकरण बकाये की गणना करा रहा है. गणना का काम चल रहा है. 30 परियोजनाओं के बिल्डर्स को बकाये का पत्र दिया गया और वे बकाया राशि जमा करने के लिए तैयार हो गए. इन परियोजनाओं में करीब 1400 करोड़ रुपये बकाया हैं. इससे प्राधिकरण को शुरुआत में 300 करोड़ रुपये मिल जाएंगे.
बकाये की गणना और मिलान का काम चल रहा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 32 और परियोजनाओं के बकाये की गणना का काम लगभग पूरा कर लिया है. प्राधिकरण की गणना और बिल्डर की गणना का मिलान किया जा चुका है. इन बिल्डर्स को भी पत्र भेजा जाएगा. प्राधिकरण को उम्मीद है कि सभी बिल्डर पैसा जमा करने के लिए तैयार हो जाएंगे. इससे खरीदारों को राहत मिलनी शुरू हो जाएगी.
इन परियोजनाओं के बिल्डर पैसा जमा करने को राजी : विहान डेवलपर्स, हेबे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, एआईजी इंफ्राटेक, रुद्र बिल्डवेल इंफ्रा, इंटेलेक्ट प्रोजेक्ट, अंतरिक्ष इंजीनियर, एलिगेंट इंफ्रा, हिमालय रियल एस्टेट, डीएआर हाउसिंग, डीएसटी होम्स, ग्रैंड रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड, ओमकार नेस्ट‘स, एसडीएस इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, पंचशील बिल्डटेक, ट्राइडेंट इंफ्रा होम्स, रुद्रा बिल्डवेल होम्स, निराला वर्ल्ड, जेएसएस बिल्डकॉन, नोबल बिल्डटेक, बीएस बिल्डटेक, जिंदल प्रमोटर्स, एसएजी रीयलटेक, कॉसमॉस इंफ्रा, सुपर सिटी डेवलपर्स, जेएमडीआर इंफ्रा इंफ्रा आदि.
नोएडा न्यूज़ डेस्क