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Noida  सनसनी बैंक लॉकर से 30 लाख रुपये के गहने चोरी
 

चोरी


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  सेक्टर-121 स्थित एचडीएफसी बैंक के लॉकर से तीस लाख रुपये के सोने और हीरे के गहने चोरी होने का मामला सामने आया है. पीड़ित की ओर से इस मामले में बैंक के प्रबंधक और कर्मचारियों पर शामिल होने का आरोप लगाया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-121 स्थित होम्स सोसाइटी के रतिक सिंघल ने बताया कि एचडीएफसी बैंक होम्स-121 में उनका संयुक्त खाता है. इस शाखा से लॉकर नंबर-40 उन्हें आवंटित है. लॉकर में रतिक की पत्नी निकिता गुप्ता ने सोने और हीरे के गहने रखे थे. कीमती गहने लॉकर में रखने के बाद नवंबर 2022 में निकिता आस्ट्रेलिया चली गईं. बीते दिनों निकिता आस्ट्रेलिया से वापस आईं. वह पति संग जब अपना लॉकर देखने के लिए पहुंचीं तो सारे गहने गायब मिले.
आरोप है कि इस मामले को लेकर जब दोनों ने बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछा तो उन्होंने चुप्पी साध ली. शिकायतकर्ता का आरोप है कि बैंक प्रबंधन और कर्मचारियों ने उनके विदेश में होने का फायदा उठाया और डुप्लिकेट चाबी बनवाकर गहने चोरी कर लिए.
एसीपी अमित प्रताप सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता ऑस्ट्रेलिया से लंबे समय बाद वापस लौटी हैं. उसने बैंक मैनेजर को एक प्रार्थनापत्र अपने लॉकर से गहने गायब होने के संबंध में दिया. लाकर टूटा हुआ नहीं है. मामले की जांच बैंक की लीगल टीम द्वारा की जा रही है. लॉकर खोलने के संबंध में नियम और शर्तों का अवलोकन किया जा रहा है. बैंक की लीगल टीम की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस द्वारा इस मामले में आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है. इस मामले की जांच जारी है.
इसलिए सुरक्षित माना जाता है लॉकर

महंगी चीजों और महत्वपूर्ण कागजात को सुरक्षित रखने के लिए बैंक अपने ग्राहकों को लॉकर उपलब्ध कराते हैं. ये काफी हद तक सुरक्षित होते हैं. एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने चोरी, धोखाधड़ी की स्थिति में बैंकों की जिम्मेदारी तय की है. बैंकों की जिम्मेदारी लॉकर के वार्षिक किराये के 100 गुना तक ही है, इसलिए 100 गुने से अधिक कीमत का सामान लॉकर में रखने से बचना चाहिए.
ये सावधानी बरतें
1. लॉकर में रखें सामान की लिस्ट अपने पास रखें.
2. लॉकर की फीस का भुगतान समय पर करें.
3. अपना लॉकर समय-समय पर चेक करते रहें.
4. बैंक एग्रीमेंट की कॉपी अपने पास सुरक्षित रखें.
इस तरह ले सकते हैं लॉकर
आप जिस ब्रांच में लॉकर खुलवाना चाहते हैं, वहां आवेदन करना होगा. लॉकर की सुविधा पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दी जाती है. अगर वेटिंग लिस्ट में नाम है, तो किसी के लॉकर छोड़ने के बाद आप योग्य हो जाएंगे. इसके लिए खाते में एक न्यूनतम राशि का भी होना आवश्यक है और अकाउंट से सालाना किराया लिया जाता है.
इस स्थिति में बैंक देता है हर्जाना
आरबीआए के नए मानकों के अनुसार बैंक की लापरवाही के चलते अगर लॉकर में रखी सामग्री को कोई भी नुकसान होता है तो इसके लिए बैंक को भुगतान करना होगा.
आकार के अनुसार चार्ज
लॉकर के साइज और लोकेशन के आधार पर इसके सालाना चार्ज भी फिक्स किए जाते हैं. यह सभी बैंको में अलग अलग हो सकते हैं.


नोएडा न्यूज़ डेस्क
 

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