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Noida  परिषदीय स्कूलों में बच्चों को अंक नहीं, स्टार मिलेंगे

अगर आपके भी बच्चों को आते हैं डरावने सपने तो करें ये
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   परिषदीय स्कूलों के छात्रों के रिपोर्ट कार्ड में अगले शैक्षिक सत्र से अंक की बजाय स्टार दिए जाएंगे. विद्यार्थियों का समग्र मूल्यांकन चार अलग-अलग टर्म में किया जाएगा. इस कवायद के पीछे मकसद यह है कि विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व का मूल्यांकन हो सके और उनकी पढ़ाई के साथ ही अन्य गतिविधियों में भी रुचि पैदा हो. विद्यालयों में अभी तक रिपोर्ट कार्ड में अंक दिए जाने का प्रावधान है.
बेसिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि निजी स्कूलों की तर्ज पर बच्चों का समग्र मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाएगा. नए शैक्षिक सत्र से यह व्यवस्था लागू की जा रही है. इसे लेकर महानिदेशक स्कूली शिक्षा की ओर से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. नई व्यवस्था में बच्चों के कौशल विकास के साथ उनकी अभिरुचि को भी महत्व दिया जाएगा. विद्यार्थियों का वर्ष में दो बार फरवरी और सितंबर में मूल्यांकन होगा. अधिकारी ने बताया कि एनसीईआरटी की ओर से यह रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है. शिक्षकों का मानना है कि इस व्यवस्था से बच्चों का मानसिक विकास होगा और उनमें विभिन्न गतिविधियों को लेकर अभिरुचि जागृत होगी.
अधिक छात्र उपस्थिति वाले पांच स्कूल होंगे सम्मानित प्रत्येक विकासखंड के कार्यालय में लगे नोटिस बोर्ड पर उस ब्लॉक के ऐसे पांच स्कूलों और उनके प्रधानाध्यापक के नाम लिखे जाएंगे, जहां विद्यार्थियों की सबसे ज्यादा उपस्थिति रहेगी. हर महीने ब्लाक और जिला स्तर पर होने वाली बैठक में इन स्कूलों के प्रधानाध्यापक सम्मानित किए जाएंगे. जिले के स्कूलों में वर्तमान में औसतन 55 प्रतिशत छात्र ही प्रतिदिन उपस्थित होते हैं. इस आंकड़े को बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है.


मानसिक विकास गतिविधियां भी शामिल होंगी
रिपोर्ट कार्ड में पूरे सत्र की शैक्षणिक, शारीरिक व मानसिक विकास की गतिविधियों को शामिल किया जाएगा. इसमें प्रवेश के समय छात्र की लंबाई व वजन भी दर्ज होगा. फिर जनवरी महीने में यह दोबारा भरा जाएगा. रिपोर्ट कार्ड में कक्षा एक व दो के छात्रों के संज्ञानात्मक पक्ष में स्वच्छता, स्वास्थ्य, सामाजिक एवं स्व जागरूकता, कलात्मक अभिरुचि एवं कौशल, अभिवृत्तियां एवं व्यवहार पर आकलन होगा. विषय आधारित आकलन में हिन्दी, गणित और अंग्रेजी में स्टार दिए जाएंगे. कक्षा तीसरी से आठवीं तक हिन्दी, गणित, अंग्रेजी के साथ पर्यावरण अध्ययन, सामाजिक विषय एवं विज्ञान विषय के आधार पर भी आकलन होगा.
स्कूलों में संसाधन समेत शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. बच्चों में ज्ञान परखने को हर तीन माह में नेट परीक्षा होती है. अब रिपोर्ट कार्ड में भी बदलाव होगा. -ऐश्वर्या लक्ष्मी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


नोएडा न्यूज़ डेस्क
 

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