उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क सेक्टर-107 स्थित हैसिंडा परियोजना मामले में नोएडा प्राधिकरण ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है. प्राधिकरण ने याचिका में अपना बकाया दिलवाने की गुजारिश की है. उसने कहा है कि फ्लैटों की रजिस्ट्री से उसका बकाया डूब जाएगा. याचिका पर 12 दिसंबर को सुनवाई होगी.
उच्चतम न्यायालय ने तीन महीने पहले इस मामले में नोएडा प्राधिकरण को आदेश दिया था कि बिना बकाया लिए फ्लैटों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू की जाए. इसके अलावा जिन टावर को अधिभोग प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया है, उस प्रक्रिया को भी शुरू किया जाए. प्राधिकरण के बकाये को बाद में देखा जाएगा. न्यायालय के आदेश पर प्राधिकरण ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अब तक करीब 40 फ्लैट की रजिस्ट्री हो गई है. बाकी बचे 60 फ्लैट की रजिस्ट्री की प्रक्रिया चल रही है.
प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार हैसिंडा की सेक्टर-107 स्थित लोटस 300 परियोजना में 336 फ्लैट हैं. इनमें से टावर-1 और दो के 102 फ्लैट के लिए वर्ष 2019 में प्राधिकरण की तरफ से आंशिक अधिभोग प्रमाणपत्र जारी कर चुका है. यह परियोजना करीब 40 हजार वर्ग मीटर में है. इस परियोजना पर प्राधिकरण का करीब 191 करोड़ रुपये बकाया हैं. गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 29 फरवरी 2024 को प्राधिकरण को बिना बकाया लिए रजिस्ट्री कराने का आदेश दिया था. नोएडा प्राधिकरण ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी. मामले में प्राधिकरण हार गया था.
अब उच्चतम न्यायालय में दायर की गई पुनर्विचार याचिका में प्राधिकरण ने कहा है कि उसके बकाये को प्राथमिकता दी जाए. इस तरह से बिल्डरों से बकाया नहीं मिलने से प्राधिकरण का आर्थिक मामला गड़बड़ा जाएगा. विकास कार्यों समेत कई काम के लिए प्राधिकरण को धन चाहिए होता है. सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती है. ऐसे मं् नोएडा विकास प्राधिकरण को बकाया दिलवाया जाए. इसके लिए एस्क्रो एकाउंट खुलवाया जाए ताकि कुछ रुपये प्राधिकरण को भी मिलते रहें.
नोएडा न्यूज़ डेस्क