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Noida  बिजलीघर के नाम पर 176 करोड़ की गड़बड़ी, निजी कंपनी को जमीन में छूट देने पर सवाल
 

Noida  बिजलीघर के नाम पर 176 करोड़ की गड़बड़ी, निजी कंपनी को जमीन में छूट देने पर सवाल

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   जहांगीरपुर में 765 केवी बिजलीघर के लिए जरूरत से अधिक और अधिसूचित क्षेत्र से बाहर यीडा ने जमीन खरीद ली. सीएजी (भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) ने इसमें 176 करोड़ की गड़बड़ी बताई है. यह भी बताया गया कि निजी कंपनी को तय दर से कम में जमीन दी गई. रिपोर्ट में बताया गया है कि जितनी जमीन के बैनामे हुए, मौके पर उतनी जमीन नहीं है. जमीन खरीदने वाले यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन अफसरों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है.

ऐसे किया जमीन में हेरफेर उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल) ने 2008 में नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 765 केवी बिजलीघर बनाने का प्रस्ताव दिया था. इसके लिए करीब 86 एकड़ जमीन की जरूरत थी. इसके लिए 2012-14 के बीच में यमुना प्राधिकरण ने जहांगीरपुर में किसानों से जमीन खरीदी, जबकि यह क्षेत्र यीडा के अधिसूचित क्षेत्र से बाहर था. यहां पर अधिकारियों ने जरूरत से अधिक 136 एकड़ जमीन खरीद ली. अधिक जमीन खरीदने के पीछे तर्क दिया गया कि जमीन लेने के बदले किसानों को सात प्रतिशत आबादी के भूखंड दिए जाएंगे. रिपोर्ट बताती है कि इस जमीन खरीद में प्राधिकरण को 98 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. आरोप है कि यह जमीन अफसरों के कुछ नजदीकी लोगों ने खरीदी थी.
आबादी की जमीन के बदले दिया गया पैसा रिपोर्ट में बताया गया है कि 25 हेक्टेयर जमीन बिजलीघर के निर्माण में लगी है. 13 हेक्टेयर जमीन ऐसी है, जिसका कुछ हिस्सा बिजलीघर में आता है. 14 हेक्टेयर जमीन बिल्कुल बाहर है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ जमीन का सीएजी भौतिक सत्यपान नहीं कर पाई है. सात प्रतिशत जो जमीन किसानों को आबादी के लिए दी जानी थी, वह नहीं दी गई. बल्कि उसके बदले पैसा दिया गया.


नोएडा न्यूज़ डेस्क

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