बिहार न्यूज़ डेस्क सरकार द्वारा मरीजों को निशुल्क एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने के लिए टॉल फ्री नंबर 102 सार्वजनिक किया गया है. जिस पर कॉल करके मरीज या परिजन सरकारी एम्बुलेंस की निशुल्क सुविधा प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए मुंगेर जिला को 29 लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस उपलब्ध कराया गया है. परंतु सदर अस्पताल से रेफर हुए मरीजों को निशुल्क एम्बुलेंस मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में प्रसव कराने वाली महिलाओं को प्रसव के उपरांत जच्चा व बच्चा को घर तक पहुंचाने के लिए तो निशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा तुरंत मुहैया करा दी जाती है.
टॉल फ्री नंबर 102 पर नहीं लिया रिस्पांस
सरकारी एम्बुलेंस की सुविधा मिलने में परेशानी या टॉल फ्री नंबर 102 पर रिस्पांस नहीं मिलने की स्थिति में मरीज के परिजन अस्पताल मैनेजर या उपाधीक्षक को जानकारी दे सकते हैं. ताकि सरकारी एम्बुलेंस आसानी से उपलब्ध कराया जा सके. - डा.विनोद कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन, मुंगेर.
एम्बुलेंस लेने के लिए क्या हैैं प्रावधान
मुंगेर में सरकारी एम्बुलेंस की देखरेख करने वाले मो.नैयर आजम बताते हैं कि सरकारी एम्बुलेंस के लिए टॉल फ्री नंबर 102 पर मरीज या परिजन को कॉल करना है. कॉल रिसीव होने पर मरीज के बीमारी के संबंध में पूछताछ की जाती है, मरीज को कहां से लेकर कहां जाना है यह पूछा जाता है. अगर डिलेवरी पेसेंट है तो घर छोड़ने कहां जाना है इसकी पूछताछ की जाती है. पूछताछ के बाद कॉल सेंटर द्वारा नजदीक के एम्बुलेंस चालक को लोकेशन भेजकर मरीज को रिसीव करने का निर्देश दिया जाता है.
सदर अस्पताल के सर्जरी वार्ड में 07 से एडमिट मरीज जमालपुर निवासी 76 वर्षीय कपिलदेव मंडल ने बताया कि डाक्टर ने उसे हर्निया बताते हुए ऑपरेशन के लिए 4 दिन पहले ही भागलपुर रेफर कर दिया है. लेकिन भागलपुर जाने के लिए उसे सरकारी एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही है. वह कई बार टॉल फ्री नंबर 102 पर फोन लगा चुका हूं, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है.
बाद में पत्रकार के हस्तक्षेप से मरीज को की शाम एम्बुलेंस उपलब्ध हो पाया.
नालंदा न्यूज़ डेस्क