![स्टेप- 5 इस बादाम के पेस्ट को अब उबलते हुए दूध में डालकर मिलाएं और 3-4 मिनट तक चम्मच चलाते हुए पकाएं।](https://samacharnama.com/static/c1e/client/79965/uploaded/9df314d53a5b05616dea3ae633ad3a6f.jpeg?width=730&height=480&resizemode=4)
बिहार न्यूज़ डेस्क अप्रत्याशि गर्मी की मार इंसान के साथ ही पशु-पक्षियों पर भी पड़ रही है. देह को जलाने वाली गर्मी के कारण खेतों में लगे हरा पशु चारा झुलस गये हैं. इसका असर दूध उत्पादन पर साफ दिख रहा है. मार्च की अपेक्षा में करीब 20 फीसद दूध उत्पाद में गिरावट आ गयी है.
नुकसान पालकों को उठाना पड़ रहा है. इतना ही नहीं घटते उत्पादन का इफेक्ट डेयरी उद्योग पर भी पड़ रहा है. डियावां दूध शीतल केन्द्र के इंचार्ज चन्देश्वर राय बताते हैं कि जिले में डेयरी की करीब सात सौ समितियां हैं. इनसे 42 हजार से ज्यादा पशुपालक जुड़े हैं. पहले हर दिन समितियों द्वारा करीब 75 हजार लीटर दूध की आपूर्ति हर दिन की जाती थी. लेकिन, वर्तमान में रोज करीब 50 से 55 हजार लीटर दूध का ही संग्रह हो पा रहा है.
भैंस के दूध में ज्यादा गिरावट: पालकों का कहना है कि हीटवेव की वजह से सबसे ज्यादा भैंस के दूध में गिरावट आयी है. अमूमन भैंस को पालक खुले स्थानों पर रखते हैं. साथ ही हर दिन खाली पड़े खेतों में उसे घास चराते हैं. परंतु, वीरान खेतों में हरा चारा ढूंढे नहीं मिल रहा है. नूरसराय के पथरौरा गांव निवासी खटाल संचालक अंकित यादव, आशानगर के महेन्द्र कुमार, दीपनगर के मनोज कुमार कहते हैं कि आग उगलती गर्मी के कारण खेत वीरान हैं.
घास कहीं दिखता नहीं है. हरा पशु चारा कई किसानों ने लगाया है. लेकिन, गर्म पछुआ हवा चलने से मुरझा गये हैं.
मवेशियों को पैकेट बंद पशु आहार खिलाना पड़ रहा है.
नालंदा न्यूज़ डेस्क