बिहार न्यूज़ डेस्क ठहराव के बाद आग ने फिर जमकर तांडव मचाया. कई जगहों पर आग लगने से दर्जनभर किसानों के गेहूं की फसल राख हो गयी. लाखों रुपए का नुकसान होने का अनुमान है. सदर प्रखंड के चितौरा गांव में नौ किसानों का करीब 30 बीघा फसल जलकर राख हो गयी. तीन दमकल वाहन आग पर काबू पाने पहुंचा. परंतु, तेज पछुआ हवा के कारण 30 बीघा की खड़ी फसल राख हो गयी.
गांव के भवसागर सिंह, अजय शंकर सिंह, परशुराम सिंह, प्रवीण कुमार, चंदन सिंह, कुमार गौरव सहित नौ किसानों की करीब सात लाख की फसल जल गयी. ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बचुहआ खंघा के ऊपर से 11 हजार बोल्ट का बिजली का तार गुजरा है. तेज पछुआ हवा के कारण बिजली के तार से चिंगारी निकली और पहले एक खेत में आग लगी. बाद में अन्य खेतों को लहकाना शुरू कर दिया. वहीं, चेवाड़ा के लहना गांव में बच्चों ने खेल - खेल में ही एक पुंज में आग लगा दी और देखते ही देखते पास में ही लगी नेबारी की दूसरी पुंज को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया. बाद में दमकल कर्मियों द्वारा आग पर काबू पाया गया. नेबारी की पुंज गांव के ही धर्मराज महतो और नवल महतो की थी. आग लगने की तीसरी घटना सदर प्रखंड के ओठवां गांव में हुई, जहां गेहूं के खेत में आग लग गई. यहां भी दमकल वाहन ने आग पर काबू पाया. गर्मी में अबतक आग लगने की दर्जनों घटनाएं हुई हैं और अधिकांश मामलों में बिजली की चिंगारी का अहम रोल रहा है.
अस्थावां में आग से बचाव पर किसान चौपाल लगी
प्रखंड की 18 पंचायतों में किसान चौपाल लगाकर आग से बचाव की जानकारी दी गयी. बीडीओ सीमा कुमारी ने बताया कि हर पंचायत में चौपाल लगाकर पराली नहीं जलाने की अपील की जा रही है. फसल में आग लगने पर बचाव की जानकारी दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि खड़ी फसल कटनी के समय व खलिहान में रखने के बाद विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. पराली नहीं जलाना चाहिए. चूल्हें की राख को इधर-उधर नहीं फेंके. महमदपुर, मालती, कटहरी, अंदी, जाना, जियर, कैला, अमावां, ओंदा, नेरुत, सारे, कोनंद, गिलानी, मुर्गियाचक, ओइयाव, नोआवां, उगावां पंचायत में चौपाल लगाया गया. मौके पर पंचायत सचिव धर्मेंद्र कुमार, राजू कुमार, जितेंद्र कुमार, वीरेंद्र प्रसाद, सन्नी कुमार, मुकुल कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
नालंदा न्यूज़ डेस्क