
बिहार न्यूज़ डेस्क येलो फीवर यानि पीलिया (ज्योंडिस) से बचाव का टीका सिर्फ पटना एम्स में लगाया जाएगा.
इसके अलावा अन्य सभी केंद्र इसके लिए अनाधिकृत होंगे. किसी भी अनाधिकृत टीकाकरण केंद्र पर इसका टीका नहीं लगाया जाएगा. नौ माह की आयु में इसका टीका लगाया जाता है. ताकि, उसे आगे पीलिया की बीमारी न हो. कुछ साल पहले कहीं अन्य केंद्र पर येलो फीवर का टीका लगाया गया था. इसपर संज्ञान लेते हुए सचिव स्वास्थ्य सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सीएस को इस तरह से येलो फीवर टीकाकरण से संबंधित अनाधिकृत केंद्र का संचालन नहीं करने देने का आदेश दिया है.
क्या है योलो फीवर
एसीएमओ डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार येलो फीवर एक मच्छर जनित रोग है. संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. यह मच्छर दिन में मानव को काटता है. येलो फीवर का असर तुरंत नहीं दिखता है. धीरे धीरे संक्रमित व्यक्ति को अचानक बुखार, सिर व पीठ में तेज दर्द, जी मचलाना अथवा उल्टी होना, थकावट जैसे लक्षण दिखते हैं. यह खतरनाक बीमारी है. इससे सुरक्षा के लिए 9 माह अथवा इससे ऊपर के बच्चों को वाईएफ 17 डी वैक्सीन लगायी जाती है. पूरे विश्व में हर साल 2 लाख से ज्यादा येलो फीवर के मरीज मिलते हैं. वहीं हर वर्ष लगभग 30 हजार लोग मरते हैं
नालंदा न्यूज़ डेस्क