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Nalnda श्रम संस्कार से सीखा समस्याओं के निदान का तरीका, राष्ट्रीय एकता शिविर 25 राज्यों के 312 प्रतिभागियों ने श्रमदान से महाबोधि कॉलेज की सफाई की
 

Nalnda श्रम संस्कार से सीखा समस्याओं के निदान का तरीका, राष्ट्रीय एकता शिविर 25 राज्यों के 312 प्रतिभागियों ने श्रमदान से महाबोधि कॉलेज की सफाई की


बिहार न्यूज़ डेस्क राष्ट्रीय युवा योजना के राष्ट्रीय एकता शिविर के तीसरे दिन  सभी प्रतिभागियों ने श्रमदान कर कार्यक्रम स्थल महाबोधि कॉलेज व आस-पास के क्षेत्रों की सफाई की. प्रतिभागियों ने यह जता दिया कि देश की सेवा के अनेक रूप हैं. सफाई करके यह भी सबक देने का प्रयास किया गया कि कोई भी काम छोटा नहीं. हर वह काम हव देशवासी को करना चाहिए, जो लोक व देश हित में हो. प्रतिभागियों ने श्रम संस्कार के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र के छोटी-छोटी समस्याओं यथा-सड़क के गड्ढे, पौधरोपण, रास्ते के दोनों ओर सफाई, गांव की नालियों की सफाई, गरीब मेधावी बच्चों को एक घंटे की कोचिंग जैसे कार्य करने की प्रतिज्ञा ली.

सफाई कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे सुनील सेवक व अभयनन्दन पांडेय ने बताया कि महाबोधि कॉलेज की यह भूमि पहले से और अधिक पवित्र बन गयी, जिसे 25 राज्यों के देशप्रेमियों ने श्रमदान से सफाई की. निशा कुमारी, बुलबुल रानी व अभिलाषा कुमारी के नेतृत्व में प्रतिभागियों ने रंगोली बनाकर कॉलेज कैम्पस को खूबसूरत बनाने का भरसक प्रयास किया. नीरज कुमार के नेतृत्व में ध्वज वंदन कार्यक्रम में शामिल होकर प्रतिभागियों ने फ्लैग एरिया का निर्माण, ध्वज बिना गांठ के बांधना, ध्वज में फूल क्यों नहीं डालना चाहिए, ध्वज का इतिहास की सम्पूर्ण जानकारी ली. साथ ही, अगले दिन से सभी प्रतिभागियों द्वारा स्वयं ध्वज वंदन का निर्णय लिया.
इंडोनेशियाई राष्ट्रगान भी गाया इंडोनेशिया से आए पद्मश्री सम्मानित इंद्रा उदयन के साथ सभी लोगों ने भारतीय राष्ट्र गान के साथ साथ इंडोनेशिया का राष्ट्रगान गाकर ध्वजारोहण किया.
हर्षवर्धन कुमार, विकास कैब व अशोक कुमार शिक्षक ने विभिन्न भाषा सीखने के इच्छुक प्रतिभागियों का अलग-अलग ग्रुप बनाकर तेलगु, असमिया, डोगरी, कन्नड़, पंजाबी, बंगाली, उड़िया, कोंकणी, मलयालम, तमिल भाषाओं में साधारण तरीके से बातचीत करना सिखाया. लोकगायक भैया अजीत व डॉ. धर्मेन्द्र ने टैलेंट एक्सचेंज कार्यक्रम के द्वारा एक-दूसरे की प्रतिभा से सभी कैंपर को अवगत कराया.
झंडामैन विजय कुमार धावक व लाल बहादुर ने रैली के माध्यम से शांति, सद्भावना व भाईचारा का संदेश देते हुए सभी प्रतिभागियों को प्राचीन नालन्दा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष का परिभ्रमण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में नालन्दा की भूमिका को रेखांकित किया.

नालंदा  न्यूज़ डेस्क
 

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