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Nalanda आर्केस्ट्रा में काम करने वाली 30 लड़कियों को कराया गया मुक्त

विदेशों में फांसी लड़कियों की घर वापसी, कई ऐसे खुलासे की खौल उठेगा आपका खून

बिहार न्यूज़ डेस्क पावापुरी ओपी क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों से  की रात आर्केस्ट्रा में काम करने वाली 20 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया गया है. कुल 33 लड़कियों को बरामद किया गया था. इनमें से 20 के करीब नाबालिग हैं. जिला बाल संरक्षण इकाई के हवाले इन लड़कियों को किया गया है. बाकी लड़कियों को छोड़ दिया गया है.

बंगाल, यूपी, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों की लड़कियां इनमें शामिल है. इन्होंने आरोप लगाया कि इन्हें फिल्मों में काम करने का झांसा दिया गया था. आर्केस्ट्रा में काम करने के बहाने रोज के हिसाब से रुपये देने का वादा कर यहां बुलाया गया था. रुपया नहीं मिला. विरोध करने पर इन्हें जबरन बंधक बना लिया गया. एक एनजीओ की शिकायत पर स्थानीय पुलिस व जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम ने कार्रवाई की. इस मामले में एक महिला समेत चार आर्केस्ट्रा संचालकों को भी पकड़ा गया है.

13 से 18 साल है लड़कियों की उम्र: बरामद की गयी नाबालिग लड़कियों की उम्र 13 से 18 साल के बीच है. मिशन मुक्ति फाउंडेशन के निदेशक वीरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि इन्हें अलग-अलग कमरों में रखा जाता था. एक-एक कमरे में सात-आठ लड़कियां रहती थी. सरस्वती पूजा के मौके पर कार्यक्रम में काम करने का झांसा देकर इन्हें बुलाया गया था. अलग-अलग लड़कियों को 700 से 1300 रुपये रोज देने का वादा किया गया था. छह माह बाद भी इन्हें रुपये नहीं मिले तो उनके परिवारवालों ने फाउंडेशन से संपर्क कर मदद मांगी. इसके बाद कार्रवाई की गयी.

आर्केस्ट्रा संचालक पकड़ा गया

छापेमारी के दौरान पुलिस ने अलग-अलग कमरों से इन्हें बरामद किया. साथ ही बबीता म्यूजिकल ग्रुप, बीआर म्यूजिकल ग्रुप व आशिकी बैंड के संचालकों को पकड़ा गया. बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक नितेश कुमार ने बताया कि कुल 33 लड़कियों को बरामद किया गया था. इनमें से 20 के करीब नाबालिग थी. बालिग लड़कियों को छोड़ दिया गया है. इस मामले में पावापुरी ओपी में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है.

त्योहार के सीजन में गांव व शहरों में आर्केस्ट्रा का कार्यक्रम कराया जाता है. नये साल के मौके पर कई स्थानों पर कार्यक्रम किये गये थे. सरस्वती पूजा में भी इस तरह के कार्यक्रम होते हैं. शादी-ब्याह के मौके पर या अन्य त्योहारों में भी नाच कार्यक्रम होते हैं. दूसरे राज्यों की लड़कियों को आने-जाने में परेशानी होती है. इस वजह से आर्केस्ट्रा संचालक ऐसी लड़कियों को बुलाकर रखते हैं. इनमें कई नाबालिग लड़कियां भी शामिल रहती हैं.

 

नालंदा  न्यूज़ डेस्क

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