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Nalanda अस्पतालों में पहुंचने वाले 25 रोगी वायरल बुखार से ग्रसित

Buxar अस्पतालों में 40 फीसदी मरीज वायरल बुखार से पीड़ित मौसम परिवर्तन को देखते हुए चिकित्सक अभी हर व्यक्ति को सतर्क रहने की दे रहे हैं हिदायत

बिहार न्यूज़ डेस्क अस्पतालों में पहुंचाने वाले एक चौथाई रोगी वायरल बुखार से ग्रसित हैं. इन रोगियों को तीन दिन की जगह पांच से आठ दिनों तक वायरल फ्लू परेशान कर रहा है. दो सप्ताह से इसमें काफी इजाफा हुआ है. पहले रोजाना औसत पांच फीसद रोगी ही इस तरह के अस्पतालों में आते थे. अब इस तरह के 25 फीसदी से अधिक रोगी इलाज के लिए आ रहे हैं.

दवा लेने के बाद भी नाक से पानी आना, सिरदर्द, बदन दर्द और अचानक से काफी कमजोरी हो रही है. तापमान और नमी में काफी उतार-चढ़ाव के कारण वायरल बीमारियों का फैलाव तेजी से हो रहा है. डॉक्टरों ने आने वाले दो सप्ताह में इसमें और इजाफा होने की आशंका जतायी है. इतना ही नहीं इलाज कराने वालों में डेंगू, टायफॉयड, मलेरिया व वायरल फ्लू यानी इन चार बीमारियों के 60 फीसदी रोगी होते हैं.

सदर अस्पताल में  की दोपहर एक बजे तक ओपीडी में 240 रोगियों का इलाज हुआ. इनमें से 65 रोगियों में बुखार व बदन दर्द की शिकायत थी. नईसराय के 29 वर्षीय गौतम कुमार ने बताया कि उन्हें चार दिनों से तेज बुखार था. दवा लेने पर भी ठीक नहीं हुआ. इसके बाद वे भैंसासुर निजी क्लीनिक में इलाज कराने आए. यहां जांच में डेंगू निकला. जबकि, वे वायरल फ्लू की दवा ले रहे थे.

इसी तरह अस्थावां से आए राजाराम ने बताया कि बेटी अनुपमा को चार दिनों से बुखार था. गांव में दवा दी गयी. ठीक नहीं होने पर बिहारशरीफ में इलाज कराया. डॉक्टर ने जांच के बाद वायरल फ्लू होने की बात कही.  को भी इसकी दवा ली थी. लेकिन, ठीक नहीं हुआ. अब भी सिरदर्द व तेज बुखार रहता है. बताया कि दवा लेने पर चार से पांच घंटा तक ठीक रहता है. इसके बाद बुखार आने लगता है. इसी तरह विभिन्न निजी क्लीनिकों में वायरल फ्लू के दर्जनों रोगी भर्ती हैं.

हर उम्र के लोग वायरल फ्लू की चपेट में जेनरल फिजिसियन डॉ. मिथिलेश प्रसाद ने बताया कि हर उम्र के लोग वायरल फ्लू की चपेट में आ रहे हैं. इसका मुख्य कारण बदलता खान-पान व रहन-सहन है. शारीरिक गतिविधियां कम होने की शिकायतें पहले शहरों में ही अधिक मिलती थीं. अब गांवों में भी इसका असर दिखने लगा है. जहां सुबह से शाम तक बच्चे शरीरिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं. इससे सेहत प्रभावित हो रही है.

इतना ही नहीं लंच से डिनर तक में अधिक तैलीय व फास्ट फूड का इस्तेमाल हो रहा है. इससे लोगों को बचना चाहिए. हरी पत्तेदार सब्जी व ताजा फलों का सेवन अधिक करें. साथ ही रोजाना कम से कम आधा घंटा तक शारीरिक श्रम अवश्य करें. इससे शरीर स्वस्थ रहेगा. इसके साथ ही स्वच्छता का भी पूरा ख्याल रखें.

 

नालंदा  न्यूज़ डेस्क

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