
उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क, अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से एक युवक की मौत के आरोप लगे हैं. आरोप है कि सीनियर डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आए. जेआर एवं नर्सों के भरोसे तीन दिन तक इलाज चलता रहा. एक पीआरओ कर्मचारी से भी तीखी नोकझोंक हुई और अभद्रता का आरोप लगाया. एक घंटे तक शव नहीं उठने दिया. डीएमएस के समझाने एवं लिखित शिकायत के बाद शव को ले गए.
सतपुली के 25 वर्षीय मरीज अनुपम को पेनक्रियाज की समस्या के चलते दून अस्पताल में रेफर किया गया था. विगत नौ 15 को सुबह पांच बजे परिजनों ने उन्हें मेडिसन के एक वरिष्ठ चिकित्सक के अंडर वार्ड 16 में भर्ती कराया. दोपहर को मरीज की मौत हो गई. परिजन अभय कुमार ने प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना को लिखित में शिकायत कर कार्रवाई की मांग उठाई है. कहा कि सीनियर डॉक्टर एक बार आए और उसके बाद वह लगातार नर्सिंग स्टाफ से डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन डॉक्टर नहीं आए. जेआर ही उनकी तरफ से नोट्स डालते रहे. उन्होंने सीसीटीवी कैमरे चैक कर डॉक्टर की जांच कराने की मांग उठाई है. उधर, राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के संस्थापक शिवप्रसाद सेमवाल भी अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर का लाइसेंस रद्द करने एवं उच्च स्तरीय जांच की मांग की. संयुक्त नागरिक संगठन के महासचिव सुशील त्यागी ने इसे शर्मनाक बताकर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग प्रबंधन से की है.
पदोन्नति में मिले शिथिलता का लाभ
उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति शासन से नाराज है. पदोन्नति में शिथिलता का लाभ न मिलने पर आंदोलन का ऐलान कर दिया है. पुरानी एसीपी का लाभ देने को लेकर समिति से किया गया वादा भी न निभाने पर विरोध जताया.
समिति के संयोजक पूर्णानन्द नौटियाल ने कहा कि 20 सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है. शासन ने अभी तक समन्वय समिति की किसी भी मांग पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं की है. मांगों का जल्द हल नहीं निकाला जाता है तो सभी कर्मचारी आंदोलन पर चले जाएंगे. एक साल का समय बीतने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. पदोन्नति में शिथिलता का लाभ न मिलने पर से प्रमोशन लटके हैं. विभागों में प्रमोशन के पद खाली पड़े हैं. शिथिलीकरण की व्यवस्था को बहाल किया जाए.
नैनीताल न्यूज़ डेस्क !!!