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Nainital जनजातियों की संस्कृति व आजीविका का बनेगा डाटा

Nenital जनजातियों की संस्कृति व आजीविका का बनेगा डाटा

उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क, हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाली जनजातियों की संस्कृति व प्रथाओं से जुड़ी जानकारियों के बारे में लोगों को और अधिक जानने का मौका मिलेगा। एसएसजे विवि अब जनजातियों पर शोध के लिए ट्राइबर सेंटर खोलने की तैयारी में है। सेंटर में जनजातियों के विविध पहुलुओं पर अध्ययन किया जाएगा। हिमालय व पहाड़ी क्षेत्रों में विभिन्न जनजातियां निवास करती हैं। इनमें थारू, बुक्सा, भोटिया, जौनसारी, राजी आदि शामिल हैं। ये जनजातियां अपने आप में अलग पहचान रखती हैं। इनकी सांस्कृतिक, रीति रिवाज, परंपराएं, भाषा, कला के कई मायने हैं, लेकिन इन जनजातियों की विशिष्टता पर अब तक ज्यादा अध्ययन नहीं हो पाया है।

एसएसजे विवि ने अब इन जनजातियों पर शोध के लिए पहल की है। विवि में ट्राइबल सेंटर खोलने के लिए विवि की ओर से शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही प्रस्ताव के पास होने की उम्मीद जताई जा रही है। उत्तराखंड के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के तरीकों पर एक ज्ञान केंद्र और डेटा बैंक के रूप में कार्य करेगा। शोधार्थी सीमावर्ती जिलों व अन्य क्षेत्रों की जनजातियों पर अध्ययन करेगी। ताकि उनकी विविधता को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।  जनजातियों पर शोध के लिए विवि की ओर से पहल की गई है। इसके लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है। अप्रूवल मिलने के बाद जनजातियों के विविध पहलुओं पर अनुसंधान किया जाएगा।  नैनीताल न्यूज़ डेस्क!!!

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