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Nainital जिले से मंत्री चुनना हाईकमान के लिए चुनौती
 

Nainital जिले से मंत्री चुनना हाईकमान के लिए चुनौती


उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क,  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे के बाद से उत्तराखंड में कैबिनेट में बदलाव की चर्चा तेज हो गई है. इस बीच कुमाऊं की राजनीति में खासा दखल रखने वाले नैनीताल जिले की दावेदारी को अहम माना जा रहा है. लेकिन नैनीताल जिले से मंत्री चुनना पार्टी हाईकमान के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

पुष्कर धामी सरकार-1 में नैनीताल जिले से कालाढूंगी के विधायक बंशीधर भगत बतौर कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल रहे. लेकिन 2022 के विधान सभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें धामी-2 सरकार में जिम्मेदारी नहीं दी गई. लगातार 6 बार विधायक का चुनाव जीतने और तीन बार कैबिनेट मंत्री रहने के बावजूद उन्हें कैबिनेट में जिम्मेदारी नहीं मिलने से क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में काफी निराशा देखी गई. अब राज्य की कैबिनेट में फेरबदल की चर्चाओं के बीच नैनीताल जिले से उनकी दावेदारी को अहम माना जा रहा है. भाजपा के टिकट पर लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले रामनगर के विधायक दीवान सिंह बिष्ट भी कैबिनेट की दौड़ में शामिल माने जा रहे हैं. लंबे राजनीतिक अनुभव के चलते उनकी दावेदारी भी चर्चाओं में है. लालकुआं विधान सभा से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव हराने वाले मोहन सिंह बिष्ट का नाम भी चर्चाओं में है. उन्हें हरीश रावत को हराने का फायदा मिल सकता है. मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले भीमताल के युवा विधायक राम सिंह कैड़ा का नाम भी मंत्री पद को लेकर चर्चाओं में है. उन्हें सीएम के उपचुनाव में मेहनत का फायदा मिल सकता है. इस प्रकार देखा जाए तो जिले से किसी एक का चयन करना पार्टी हाईकमान के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

नैनीताल न्यूज़ डेस्क !!!
 

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