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नागौर में बीएसएफ रिटायर्ड फौजी की आत्महत्या और हत्या का सनसनीखेज मामला, सुसाइड नोट और वीडियो ने उड़ाई हर किसी की नींद

नागौर में बीएसएफ रिटायर्ड फौजी की आत्महत्या और हत्या का सनसनीखेज मामला, सुसाइड नोट और वीडियो ने उड़ाई हर किसी की नींद

राजस्थान के नागौर जिले के नोखा चांदावता गांव में गुरुवार तड़के एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें बीएसएफ से रिटायर्ड एक फौजी ने पहले अपने साले को लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारी और फिर खुद भी गोली मारकर खुदकुशी कर ली। इस जघन्य घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

घटना के बाद, यह पता चला कि रिटायर्ड फौजी ने 6 मिनट का वीडियो भी बनाया था, जिसमें उसने अपनी आत्महत्या से पहले अपने फैसले के बारे में बताया था। वीडियो सोशल मीडिया पर भी अपलोड किया गया था, जिसे देखने के बाद इलाके में हलचल मच गई। इतना ही नहीं, रिटायर्ड फौजी ने तीन हजार से अधिक शब्दों का सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें उसने अपने परिवार और ससुरालवालों पर गंभीर आरोप लगाए थे।

सुसाइड नोट में रिटायर्ड फौजी ने लिखा था कि उसके ससुराल वालों ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी थी। उसका कहना था कि उसने अपनी पत्नी को "सबक" सिखाने के लिए यह कदम उठाया था और ससुराल वालों को बर्बाद करने की ठानी थी। इस घटना को उसने व्यक्तिगत बदला लेने के रूप में देखा था। फौजी ने अपने जीवन में आई कई परेशानियों और रिश्तों में आई दरारों का भी जिक्र किया था, जो उसे इस रास्ते तक ले आए।

घटना के बाद, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जांच जारी है, और सुसाइड नोट तथा वीडियो के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिवार के अन्य सदस्य और स्थानीय लोग सदमे में हैं, और उन्हें इस घटनाक्रम पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है।

यह घटना समाज में बढ़ती मानसिक तनाव और पारिवारिक रिश्तों में टूट-फूट को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। परिवारिक समस्याओं के कारण ऐसे कदम उठाना न केवल व्यक्ति के लिए, बल्कि उसके आसपास के लोगों के लिए भी विनाशकारी हो सकता है।

सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य के विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और परिवारों को एक-दूसरे के साथ संवाद और समझ बनाने की जरूरत है, ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके।

यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि पारिवारिक विवादों का परिणाम बहुत ही दुखद हो सकता है, और इसे समय रहते सुलझाने की जरूरत है।

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