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सात साल बाद नागौर पहुंचे मोहन भागवत, वीडियो में जानें 3 दिन रुकेंगे, कैंप के बाहर नो व्हीकल जोन

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत रविवार को लगभग सात साल बाद राजस्थान के नागौर पहुंचे। भागवत का यह दौरा संघ और स्वयंसेवकों के लिए खास महत्व रखता है, क्योंकि इससे पहले वे 2016 में नागौर आए थे, जब संघ की यूनिफॉर्म में ऐतिहासिक बदलाव किया गया था। अब एक बार फिर उनकी मौजूदगी से संघ के भीतर कुछ अहम विचार-विमर्श और दिशा-निर्देश तय होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

जानकारी के अनुसार, मोहन भागवत नागौर में तीन दिन तक रुकेंगे। इस दौरान वे प्रत्येक दिन लगभग एक घंटे तक स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। उनके कार्यक्रम को लेकर संघ की स्थानीय इकाइयों में उत्साह देखा जा रहा है और तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है।

2016 में हुआ था ऐतिहासिक बदलाव

भागवत की पिछली नागौर यात्रा संघ के इतिहास में एक बड़ा मोड़ साबित हुई थी। उसी वर्ष नागौर में आयोजित संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में खाकी नेकर की जगह भूरे रंग की पैंट को संघ की नई यूनिफॉर्म के रूप में अपनाया गया था। यह बदलाव संघ की आधुनिक छवि और समय के साथ तालमेल बैठाने की रणनीति का हिस्सा माना गया था।

इस बार दौरे का महत्व

संघ प्रमुख का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब देश में राजनीतिक और सामाजिक बदलावों की तेज़ हवाएं चल रही हैं। ऐसे में भागवत का स्वयंसेवकों को दिया जाने वाला मार्गदर्शन न केवल संघ के भविष्य के कार्यक्रमों की दिशा तय करेगा, बल्कि इसका राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव भी महसूस किया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार, इस दौरे में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, सामाजिक समरसता और युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना को मजबूत करने जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। संघ के विभिन्न विभागों और शाखाओं के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ भी उनकी विशेष बैठकें प्रस्तावित हैं।

स्थानीय स्तर पर सुरक्षा और व्यवस्था चाक-चौबंद

भागवत की यात्रा को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और संघ कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को मजबूत किया है। नागौर में संघ के विभिन्न कार्यक्रम स्थलों पर स्वयंसेवकों की गतिविधियां पहले से ही तेज़ हो चुकी हैं। आयोजन स्थल पर स्वयंसेवकों की नियमित उपस्थिति और बैठक की तैयारी पूरे जोरों पर है।

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