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नागौर में पंचायतीराज परिसीमन का विरोध जारी, वीडियो में जानें ग्रामीणों ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन

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राजस्थान में चल रहे पंचायतों और नगरीय निकायों के परिसीमन को लेकर विरोध लगातार गहराता जा रहा है। प्रदेश के कई हिस्सों की तरह नागौर जिले में भी ग्रामीणों में इस मुद्दे को लेकर नाराजगी बढ़ रही है। सोमवार दोपहर सारणपुरा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने एकजुट होकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रस्तावित घोडारण ग्राम पंचायत में शामिल किए जाने के निर्णय के विरोध में ज्ञापन सौंपा

ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

सारणपुरा के ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा कि उनका गांव सामाजिक, भौगोलिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से घोडारण ग्राम पंचायत में जोड़ने योग्य नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि यह निर्णय स्थानीय लोगों से बिना किसी राय-मशविरा के लिया गया है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अवहेलना है।

एक ग्रामीण प्रतिनिधि ने कहा, "हमारा गांव वर्षों से अलग पंचायत की मांग करता आया है, लेकिन सरकार ने हमारी बात सुने बिना हमें ऐसी पंचायत में शामिल कर दिया जिससे हमारा कोई सामाजिक या प्रशासनिक जुड़ाव नहीं है।"

विरोध में बढ़ रही एकजुटता

केवल सारणपुरा ही नहीं, बल्कि प्रदेशभर में कई गांवों और कस्बों के लोग अपने क्षेत्र के परिसीमन प्रस्तावों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। कई स्थानों पर प्रदर्शन, धरना और ज्ञापन सौंपने जैसी गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। लोगों का आरोप है कि परिसीमन के नाम पर सरकार राजनीतिक लाभ के लिए गांवों और वार्डों की भौगोलिक वास्तविकता को नजरअंदाज कर रही है

प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर रखी मांग

सारणपुरा के ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में सरकार से मांग की कि इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए और नए परिसीमन से पहले स्थानीय लोगों से व्यापक स्तर पर चर्चा की जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे

कलेक्टर ने दिया आश्वासन

नागौर जिला कलेक्टर ने ग्रामीणों से ज्ञापन प्राप्त कर उनकी आपत्तियों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है और लोगों की आपत्तियों और सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा।

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