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Nagaur में विधायक का पत्र लीक होने के मामले में बोले मदन राठौड़, चिकित्सा मंत्री का इसमें कोई हाथ नहीं

खींवसर विधायक रेवंतराम डांगा का पत्र वायरल होने के बाद प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह पत्र एक अधिकारी के चैंबर से लीक हुआ है, जिसकी जांच कर ली गई है। राठौड़ ने यह भी स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा ने 30 जनवरी को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र खींवसर में अधिकारियों की नियुक्तियों पर असंतोष व्यक्त किया था। यह पत्र सम्पर्क पोर्टल पर अपलोड होने के बाद लीक हो गया, जिससे नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।

डांगा ने पत्र में लिखा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद उनकी सिफारिशों के विपरीत अधिकारियों की नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि खींवसर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी समर्थित अधिकारियों को तैनात कर भाजपा को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने पंचायत समिति मूण्डवा से सहायक लेखाकार को नहीं हटाने को भी अपने खिलाफ साजिश बताया।

इस पत्र के वायरल होने के बाद भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. ज्योति मिर्धा ने कहा कि मुख्यमंत्री को मांग पत्र लिखना किसी भी विधायक का अधिकार है, लेकिन इसे सार्वजनिक करना अनुचित है। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर पर पत्र लीक करने का आरोप लगाया, हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। मिर्धा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और मुख्यमंत्री तथा राज्य प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल को इसकी जानकारी दे दी गई है।

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, "मैं ऐसी बातें करने के लिए यहां नहीं हूं। मेरे पास मंत्री पद की जिम्मेदारियां हैं और ऐसी बातें करने का यह समय नहीं है। बिना सबूत के आरोप लगाना बहुत ही ओछी मानसिकता को दर्शाता है।" नागौर जिले के प्रभारी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने इस संबंध में कहा कि वायरल हो रहे पत्र को लेकर सरकार अपने स्तर पर कार्रवाई कर रही है। जब उनसे उनके विभाग के बारे में पूछे गए सवालों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मेरे विभाग में जो भी निर्णय लेने की जरूरत होगी, मैं लूंगा।"

इन सबके बीच राजस्थान सरकार के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ''गिरने से पहले सोच लेना, अगर गिर गया तो मसला बन जाऊंगा. अभी तो अकेला ही चल रहा हूं, रोकोगे तो काफिला बन जाऊंगा.''

सूत्रों के अनुसार नागौर की पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद से ही भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं में असंतोष व्याप्त है। नागौर सीट पर भाजपा की हार और लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल से मिली हार के बाद पार्टी में असंतोष बढ़ गया है। ऐसे में डांगा का पत्र लीक होने का मुद्दा भाजपा के लिए नई चुनौती बन गया है। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने जहां इस विवाद को शांत करने का प्रयास किया है, वहीं भाजपा में गुटबाजी की चर्चा भी तेज हो गई है। अब देखना यह है कि पार्टी इस मामले को कैसे संभालती है।

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