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बिहार न्यूज़ डेस्क सोने के नकली गहने देकर बालूघाट के व्यवसायी अभिषेक कुमार ने मोतीझील स्थित बैंक ऑफ इंडिया से 7.7 लाख रुपये लोन ले लिया. जब लोन की राशि नहीं चुकाई तो बैंक ने लोन खाते को एनपीए घोषित कर दिया. गिरवी रखे गहनों की नीलामी के दौरान जांच में नकली होने का खुलासा हुआ.
बैंक ने नीलामी से पहले गहने की जांच आभूषण एक्सपर्ट राजीव जायसवाल से कराई. जांच में पाया गया है कि दूसरे धातु पर सोने की प्लेट चढ़ाकर लोन के लिए दिया गया था. इसके बाद बैंक की मोतीझील शाखा के मुख्य प्रबंधक रामानुज ने नगर थाने में एफआईआर कराई. इसमें उन्होंने अभिषेक कुमार को नामजद किया है.
मुख्य प्रबंधक ने पुलिस को बताया है कि अभिषेक कुमार ने 2021 में गोल्ड लोन लिया था. तब बैंक ने बैरिया पुराना मोतिहारी रोड के एक्सपर्ट राजेश कुमार को बुलाकर गहने की जांच कराई थी. उसने रिपोर्ट दी थी लोन के लिए दिए गहने (सोने की चेन व कंगन) 22 कैरेट सोना है, जिसका वजन 254 ग्राम है. सोने की कीमत के अनुसार गहने का वैल्यू 11 लाख रुपये बताया गया. इस आधार पर अभिषेक को 7.7 लाख रुपये लोन स्वीकृत हुआ. लोन लेने के बाद जब अभिषेक ने राशि नहीं चुकाई तब उसे 30 जुलाई 2022 और सात अक्टूबर 2022 को दो बार नोटिस किया गया. अभिषेक ने ना लोन चुकाया और नहीं ब्याज की राशि जमा कराई. तब लोन खाते को एनपीए घोषित कर दिया गया. इसके बाद गिरवी रखे गहने की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई.
गहने का वैल्यू जांचने वाले एक्सपर्ट से होगी पूछताछ
नगर थानेदार श्रीराम सिंह ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पहली बार गहने का वैल्यू 11 लाख रुपये बताने वाले एक्सपर्ट राजेश कुमार से भी पूछताछ की जाएगी. यह जानने की कोशिश होगी कि गिरवी रखते समय उसने गहने की कीमत किस आधार पर 11 लाख रुपये बताई थी.
मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क