Samachar Nama
×

Muzaffarpur जांच  पिस्टल का गोविंद से लिंक नहीं जोड़ सकी सीआईडी

Nainital दिल्ली, भोपाल के कई रसूखदार जांच के घेरे में

बिहार न्यूज़ डेस्क आशुतोष शाही की हत्या मामले में जेल में बंद पटना के जानीपुर निवासी मुखिया के पुत्र उज्ज्वल सिंह की जमानत अर्जी  को न्यायालय में दाखिल की गई है. अधिवक्ता कोमल सलोनी ने उसकी स्थाई जमानत अर्जी जिला सत्र एवं न्यायाधीश के कोर्ट में दाखिल की है. जिस पर सुनवाई की अगली तिथि   तय की गई है. सीआईडी ने बेउर जेल से उज्ज्वल को मुजफ्फरपुर में लाकर पेशी करा चुकी है. पेशी के बाद उसे पुन: बेउर जेल भेजा गया था. आशुतोष शाही हत्याकांड में बीते 16 मार्च से उज्ज्वल सिंह न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद है.

प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही और उसके तीन बॉडीगार्ड की हत्या मामले की छानबीन में अब सीआईडी की गलतियों पर सवाल उठ रहे हैं. पटना में उज्ज्वल के पास से जब्त पिस्टल का इस्तेमाल आशुतोष शाही की हत्या में होने की एफएसएल रिपोर्ट सीआईडी कोर्ट में पेश कर चुकी है. लेकिन, हत्या में उज्ज्वल और उसके पास से मिले हथियार का मुख्य आरोपित गोविंद से लिंक स्थापित नहीं कर पाई. हालांकि, सीआईडी अब उज्ज्वल पर चार्जशीट दाखिल करने की कवायद में जुटी है. इसमें उज्ज्वल का इस हत्याकांड से जुड़ाव को सीआईडी खोलेगी. सीआईडी ने केस में आरोपितों से आशुतोष शाही की पूर्व की दुश्मनी और गिरफ्तारी के बाद लिए गए स्वीकारोक्ति बयान को आधार बनाया है. बताया गया है कि पुलिस के समक्ष दिए स्वीकारोक्ति बयान को मजबूत साक्ष्य नहीं माना जाता है. इसका लाभ जेल भेजे गए आरोपितों को मिला. वर्तमान में उज्ज्वल को छोड़ आशुतोष हत्याकांड में जेल भेजे गए सभी आरोपितों को जमानत मिल चुकी है. अब सीआईडी उज्ज्वल के खिलाफ पूरक चार्जशीट की कवायद में जुटी है. इस चार्जशीट में गोविंद से उसके जुड़ाव को भी सीआईडी स्थापित कर सकती है. इसके लिए सीसीटीवी, मोबाइल कॉल व पूर्व की क्राइम हिस्ट्री आदि को आधार बनाया जाएगा. उज्ज्वल की गिरफ्तारी के बाद सीआईडी ने पटना के एक होटल में छानबीन की थी. सीआईडी उज्ज्वल की क्राइम हिस्ट्री खंगाल रही है. यह भी देखा जा रहा है कि किन केसों में गोविंद और उज्ज्वल एक साथ आरोपित हैं.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से भी पिस्टल का सुराग लगाने कोशिश

पटना के जानीपुर से गिरफ्तार उज्ज्वल के पास से मिला हथियार ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का बना है. इस पर अंकित हथियार नंबर से सीआईडी के अधिकारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से हथियार के संबंध में सुराग ढूंढ़ने की कोशिश कर रही है. फैक्ट्री से निकलने के बाद हथियार किस डीलर के पास पहुंची और उसने इसे किस लाइसेंधारी को बेची. बताया जा रहा है कि इन बिंदुओं पर भी सीआईडी जांच कर रही है.

गोविंद ने स्वीकारोक्ति में उज्ज्वल का नहीं किया जिक्र

गिरफ्तारी के बाद सीआईडी ने गोविंद का स्वीकारोक्ति बयान लिया था. इसे कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है. स्वीकारोक्ति बयान में गोविंद ने पटना के जानीपुर निवासी उज्ज्वल का जिक्र नहीं किया है. उसने पटना के सोनू, राणा और रांची के मुन्ना का नाम लिया है. मुन्ना के द्वारा ही हथियार का प्रबंध करने का जिक्र गोविंद के स्वीकारोक्ति बयान में है. ये तीनों बालू माफियाओं के लिए सुपारी लेकर गोली बारी करते रहे हैं. लेकिन, मुन्ना, सोनू और राणा कौन है, कहां के हैं, इसका ब्योरा सीआईडी अब तक नहीं जुटा पाई है.

 

 

मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क 

Share this story