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Muzaffarpur पीजी विभागों की मांग ज्यादा कॉलेज बने दूसरी पसंद

Indore होल्कर कॉलेज NAAC से 4 में से 3.64 अंक प्राप्त कर A++ ग्रेड प्राप्त करने वाला राज्य का पहला सरकारी कॉलेज है।
 

बिहार न्यूज़ डेस्क  बीआरए बिहार विवि में पीजी दाखिले के लिए पीजी विभागों की मांग ज्यादा है. मेरिट लिस्ट में जिन विद्यार्थियों के नाम कॉलेजों में आए हैं, वह भी पीजी विभाग में ही नाम लिखाना चाहते हैं. इसके लिए वे लगातार पीजी विभागों के चक्कर काट रहे हैं.
विद्यार्थियों का कहना है कि उनका पहला विकल्प पीजी विभाग था. दूसरी पसंद के रूप में कॉलेज दिया था. उनका नाम कॉलेज की लिस्ट में आया है. अब वे पीजी विभाग में जाकर पता कर रहे हैं कि उनका वहां दाखिला हो सकता है या नहीं. विवि से जुड़े लोगों ने बताया कि छात्र पीजी विभागों के अलावा एलएस और आरडीएस कॉलेज में दाखिला लेना चाहते हैं. छात्राएं एमडीडीएम कॉलेज जाना चाहती हैं. विवि प्रशासन से जुड़े लोगों ने बताया कि कटऑफ लिस्ट के अनुसार छात्रों को कॉलेज और पीजी विभाग आवंटित किए गए हैं. जिन कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू हुई है वहां भी 50 फीसदी से अधिक दाखिला हो चुका है. विवि में पहली बार शुरू हुई भोजपुरी से पीजी में 14 दाखिले हो चुके हैं. भोजपुरी से पीजी की पढ़ाई एलएस कॉलेज में शुरू हुई है.


उधर, एआईडीएसओ के जिलाध्यक्ष शिव कुमार ने  एससी-एसटी छात्रों एवं सभी छात्राओं को बिहार सरकार के कानून के अनुरूप निशुल्क शिक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. उन्होंने एससी-एसटी छात्रों एवं सभी छात्राओं से ली गई फीस लौटाने व सभी के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था करने सहित तीन सूत्री मांगों का ज्ञापन कुलपति को सौंपा. कहा कि बिहार सरकार के कानून के अनुसार एससी-एसटी छात्रों एवं सभी वर्ग की छात्राओं को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करानी है. इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कॉशन मनी, डेवलपमेंट फीस, प्रायोगिक परीक्षा एवं आंतरिक परीक्षा फीस सीआईए आदि के नाम पर फीस वसूलने का निर्देश जारी किया गया है. यह पूरी तरह से अनुचित है. ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष के अलावा संतोष कुमार, चंदन कुमार एवं कुंदन कुमार शामिल थे.


मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क 
 

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