बिहार न्यूज़ डेस्क जिन बच्चों पर दवाएं बेअसर हो गईं, उनपर कला-संगीत का जादू चला. संगीत और आर्ट-क्राफ्ट ने मंदबुद्धि बच्चों की जिंदगी बदल दी है. कभी नाम तक बता पाने में असमर्थ बच्ची आज गीत गा रही है. लोगों से डरकर भागने वाला बच्चा आर्ट एंड क्राफ्ट सिखाने वाला टीम लीडर बन चुका है. 12-15 साल के इन बच्चों में महज छह माह से एक साल में यह बदलाव हुआ है. जिला स्कूल स्थित किलकारी केंद्र आने वाले कई बच्चों में इन गतिविधियों से बदलाव आया है.
काइनेस्थिटिक लर्नर का काम करतीं ये गतिविधियां
न्यूरोजेनिक डिसऑर्डर में इस तरह की गतिविधियां काइनेस्थिटिक लर्नर का काम करती हैं. इसमें जब बच्चे आर्ट एंड क्रॉफ्ट या संगीत वाद्य से जुड़ते हैं और पेंट-ब्रश या हारमोनियम आदि छूते हैं तो उनकी प्रतिभा सामने आती है. इन बच्चों में साउंड स्मार्ट ब्रेन होता है. यानि अन्य चीजें भले ही मंद हैं, मगर यह इनका अधिक काम करता है. यही वजह है कि इन गतिविधियों से इन बच्चों में बदलाव आ रहा है.
-डॉ. प्रमोद कुमार, विशेष जरूरत वाले बच्चों पर शोध करने वाले बाल मनोवैज्ञानिक
अभिभावक गद्गद
● संगीत और आर्ट-क्राफ्ट ने बदल दी मंदबुद्धि बच्चों की जिंदगी
● कभी नाम तक बता पाने में असमर्थ बच्ची आज गा रही गीत
● किलकारी केंद्र आने वाले कई बच्चों में इन गतिविधियों से आया बदलाव
● माता-पिता दंग, हिम्मत हार चुके अभिभावकों ने कहा-चमत्कार
हिम्मत हार गए थे अभिभावक
माता-पिता भी यह देखकर हैरान हैं. हिम्मत हार चुके इन अभिभावकों ने कहा कि यह चमत्कार है. बाल मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक न्यूरो जनित बीमारी में इस तरह की गतिविधियां अचूक असर करती हैं.
माता-पिता भी यह देखकर हैरान हैं. हिम्मत हार चुके इन अभिभावकों ने कहा कि यह चमत्कार है. बाल मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक न्यूरो जनित बीमारी में इस तरह की गतिविधियों अचूक असर करती हैं.
मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क