
बिहार न्यूज़ डेस्क नीलेश मुखिया हत्याकांड के मुख्य आरोपितों में एक गोरख राय मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहा था. वह अपने लोगों को भेजकर दूसरों से संपर्क करता था. गोरख के भाई पप्पू और धप्पू भी अलग-अलग स्थानों पर छिपे हैं. पुलिस टीम ने उन दोनों के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी. हालांकि दोनों आरोपित वहां नहीं मिले. पुलिस ने की रात ही गोरख को जेल भेज दिया. दूसरी ओर एजाजुद्दीन की तलाश भी पुलिस को है. एजाज ही शूटरों को लेकर नीलेश के दफ्तर गया था. उसने शूटरों को नीलेश का चेहरा दिखाया था ताकि वे उन्हें पहचान सके. एजाज नीलेश मुखिया का करीबी था. हत्या के एक दिन पूर्व भी वह एक शैक्षणिक संस्थान के पास नीलेश से मिला था. वहां नीलेश ने एजाज से बात भी की थी. नीलेश ने पूर्व में एजाज की काफी मदद की थी. लेकिन रुपये के लालच में आकर उसने नीलेश के दुश्मनों से हाथ मिला लिया. एजाज की गिरफ्तारी के बाद इस खूनी वारदात से जुड़े कई राज खुल सकते हैं.
आरोपितों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य है
पुलिस के पास आरोपितों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मौजूद है. नीलेश मुखिया की हत्या के बाद पुलिस ने सबसे पहले इस घटना की निचली कड़ी में शामिल अपराधियों को पकड़ा. फिर उनकी निशानदेही और सबूत के आधार पर लाइनर और मुख्य साजिशकर्ता तक पुलिस टीम पहुंच गई. इस मामले में सभी शूटर और एक अन्य साजिशकर्ता अजय राय को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. एसएसपी ने बताया कि पुलिस जल्द से जल्द घटना में शामिल फरार आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लेगी.
महिला का पर्स उड़ाया
खरीददारी कर रही महिला का पर्स चोरों ने की शाम उड़ा लिया. पीड़िता मनीषा ने कदमकुआं थाने में केस दर्ज करवाया है.
दानापुर की रहने वाली मनीषा कदमकुआं थाना इलाके की चूड़ी मंडी में स्थित एक दुकान से खरीददारी कर रही थीं. शाम 5 बजकर 45 मिनट पर चोरों ने महिला के पर्स की चोरी कर ली. उसमें सोने के आभूषण, रुपये व कागजात रखे थे.
मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क