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Muzaffarpur जलजमाव में डूबेंगे मोहल्ले तब आएगा भाड़े पर पंप
 

Muzaffarpur जलजमाव में डूबेंगे मोहल्ले तब आएगा भाड़े पर पंप


बिहार न्यूज़ डेस्क नगर निगम के पास फिलहाल 52 डिवाटरिंग पंप हैं। इनमें से 17 मेंटेनेंस की वजह से खराब हैं, जिन्हें ठीक करने की जरूरत है। पिछले साल शहर में जल निकासी के लिए 80 अतिरिक्त पंपों को बुलाया गया, फिर भी पानी नहीं निकला. इस बार जलजमाव की स्थिति में कम से कम 150 डीवाटरिंग पंपों की आवश्यकता होगी। अपर्याप्त व्यवस्था के बीच निगम ने निजी एजेंसियों से डिवाटरिंग पंप किराए पर लेने के लिए टेंडर दिए, लेकिन कोटेशन लेने के बाद इसे फिलहाल के लिए रोक दिया गया है. निगम प्रशासन का तर्क है कि बारिश के बाद जब मुहल्लों में जलजमाव होगा तो पानी निकालने वाले पंप किराए पर लिए जाएंगे.

नालों की स्थिति से साफ है कि अगर तेज बारिश हुई तो शहर के तीन दर्जन से अधिक मुहल्लों में जलजमाव हो जाएगा. इससे जलजमाव वाले इलाके के लोग परेशान हैं। इन मोहल्लों से पानी निकालने के लिए 17 खराब पंपों की मरम्मत कर 52 डीवाटरिंग पंप होंगे। ये सभी पंप पिछले साल मानसून आने पर चलाए गए थे। ये कितने कारगर हैं, इसका परीक्षण किया जाना बाकी है। हाल ही में खरीदे गए 83 एचपी के तीन पंप नए हैं, जिनकी अभी तक जांच नहीं हुई है। इसके अलावा नगर निगम में दस एचपी के दो पंप, आठ एचपी (अश्वशक्ति) के 26 पंप हैं। 26 hp के चार पंप, 38 hp के पांच पंप, 28 hp के दो पंप और छोटे वाले 10 चीनी पंप हैं। इनमें से आठ एचपी के 13 डिवाटरिंग पंपों की मरम्मत करनी होगी। इसे बहलखाना वर्कशॉप में रखा गया है। 26 एचपी के दो पंप, 28 एचपी के दो पंपों की भी मरम्मत करनी है। 10 में से तीन चीनी पंप निष्क्रिय बताए जा रहे हैं। वार्ड पार्षदों के मुताबिक पिछले साल नगर निगम के सभी पंप जलजमाव के चलते चलाए गए, लेकिन जल निकासी ठीक से नहीं हो पाई. विभिन्न जिलों से किराए पर पंप लाए जाने पर जलजमाव से घिरे लोगों ने हंगामा किया. इस साल तैयारी पहले से करनी पड़ी थी। पंप रखा होता, जब बारिश में इसका इस्तेमाल होता, तो भाड़ा उसी के हिसाब से चुकाया जाता। मानसून आने पर विभिन्न जिलों से एजेंसियों की मांग होगी। ऐसे में जलजमाव के समय पंप मिलना मुश्किल होगा।

मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क 
 

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