
बिहार न्यूज़ डेस्क जेआरएस कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य डा. देवराज सुमन की अध्यक्षता में हिंदी दिवस के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. साथ ही कॉलेज की पत्रिका अरुणाभ का लोकार्पण भी किया गया.
मौके पर भारतीय संस्कृति के विकास में हिंदी की भूमिका विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि सह वीकेएसयू आरा के पूर्व कुलपति प्रो. कुमारेश प्रसाद सिंह, विशिष्ट अतिथि सह टीएमबीयू के पीजी हिंदी विभाग के प्रो. योगेंद्र महतो, मुंविवि के पीजी अंग्रेजी विभाग के हेड प्रो. भवेश चंद्र पांडे, संवेद के संपादक किशन कलजयी तथा बीआरएम कालेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो. अजीत कुमार ठाकुर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. प्रो. देवराज सुमन ने हिंदी के विकास में भारतीय संस्कृति की भूमिका पर प्रकाश डाला. डा. भवेश चंद पांडे ने छात्रों को हिंदी की वर्तनी शुद्ध लिखने तथा पढ़ने पर जोर दिया. प्रो. अजीत कुमार ठाकुर ने हिंदी के व्यावहारिक पक्ष पर प्रकाश डाला. अरुणाभ पत्रिका के संपादक व कार्यक्रम संयोजक डा. शिव कुमार मंडल ने भारतीय संस्कृति में हिंदी की भूमिका के विविध आयामों पर प्रकाश डाला. डा. जयंत कुमार ने भारतीय संविधान के आलोक में हिंदी भाषा के वर्तमान परिप्रेक्ष्य को रखा. डा. अमर कुमार ने व प्रो. प्रभाकर प्रसाद सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. संचालन डा. ऋत्विक भारतीय ने किया.
स्क्रुटनी को लेकर 22 तक आवेदन
मुंगेर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने स्नातक पार्ट-3, शैक्षणिक सत्र 2020-23 के विज्ञान व वाणिज्य संकाय के परीक्षार्थियों के लिए स्क्रूटनी की तिथि जारी कर दिया है.ऐसे में अपने परीक्षाफल से असंतुष्ट परीक्षार्थी बीच स्क्रूटनी को लेकर आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें कालेज से अग्रसारित आवेदन पत्र के साथ प्रवेश पत्र तथा परीक्षा फल की छायाप्रति को अपलोड करना होगा.
संबंधित परीक्षार्थी अधिकतम तीन पत्र की स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें प्रति पत्र 200 रुपये शुल्क के रूप में आनलाइन भुगतान करना होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्क्रूटनी में उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन नहीं किया जाता है. सिर्फ पूर्व में परीक्षा के द्वारा दिए गए अंक का मिलान तथा जोड़ देखा जाता है. ऐसे में यदि किसी परीक्षार्थी का परीक्षक द्वारा अंक का जोड़ सही पाया जाता है तो परिणाम में परिवर्तन नहीं होगा.
मुंगेर न्यूज़ डेस्क