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Munger गर्मी की शुरुआत में ही जलस्तर गया नीचे

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बिहार न्यूज़ डेस्क  जहां देश आजादी की अमृत महोत्सव का जश्न में डूबे हैं, तो वहीं दूसरी ओर बरहट प्रखंड के गढ़वा कटौना वार्ड नं 11 के महादलित लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही की वजह से यह योजनाएं फाइलों में सिमटी हुई नजर आ रही है. मालूम हो कि बरहट प्रखंड अंतर्गत कटौना पंचायत के वार्ड संख्या 11 गढ़वा कटौना में 60 से 80 मांझी समुदाय लोगों की आबादी है. गांव के लोगों की प्यास बुझाने के लिए दो चापाकल तो है किंतु गर्मी की शुरुआत में ही जलस्तर नीचे चले जाने से पानी निकलना बंद हो गई है. जिस कारण उक्त सभी लोगों को अपने घर से 1 किलोमीटर दूर खेत में लगे मोटर पंप से पानी लाने की मजबूरी होती हैं. पानी की समस्या से जूझ रहे इन महादलित परिवार के लोग हर घर नल योजना से आज भी महरूम है. स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा नल जल योजना से बोरिंग करने को लेकर कई बार प्रखंड के पदाधिकारी से अपील की गई. लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. वहीं  पंचायत के मुखिया कपिलदेव प्रसाद पंचायत का दौरा करते हुए जब उक्त गांव पहुंचा तो ग्रामीणों ने मुखिया को ही घेर लिया और अपनी समस्या निवारण को लेकर मांग करने लगे. वहीं मुखिया ने संबंधित पदाधिकारी को इसकी सूचना देकर नल जल से बोरिंग करने की आश्वासन दिया तब जाकर ग्रामीण माने. गांव के महिला रेशमी देवी ने बताया की गर्मी की शुरुआत में चापाकल से पानी निकलना बंद हो गया है. ऐसे में घर का काम काज व खाना बनाने में काफी परेशानी होती है. वहीं वृद्ध महिला बसंती देवी ने बताया की चापाकल से पानी नहीं निकलने पर घर से 1 किलोमीटर दूर किसान के खेत में चल रहे बोरिंग से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं. गांव के निवासी रामधारी मांझी ने बताया कि नल जल से बोरिंग करने के लिए कई बार प्रखंड का चक्कर लगाए. लेकिन आज तक नल जल का बोरिंग नहीं हो पाया है.

स्थानीय किसानों के द्वारा निजी बोरिंग से खेत पटवन करते हैं. जिस कारण गांव में लगे चापाकल का जलस्तर नीचे चले गया है.

 

मुंगेर न्यूज़ डेस्क

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