
बिहार न्यूज़ डेस्क सरकारी अस्पताल केआधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सरकार ने पिछले वर्ष मिशन-60 और मिशन क्वालिटी प्रोग्राम चलाया था. मिशन-60 में आधारभूत संरचना को दुरुस्त किया गया. वहीं मिशन क्वालिटी में मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करते हुए हर तरह की सुविधा मरीजों तथा स्टाफ के लिए उपलब्ध कराई गई थी.
राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दिसंबर 22 में मिशन-60 और मिशन क्वालिटी के लिए जारी रैकिंग में मुंगेर सदर अस्पताल को अंडर-5 में स्थान मिला था. इस पर स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल का चयन एन्क्वास सर्टिफिकेशन (नेशनल क्वालिटी स्टैण्डर्ड एश्योरेंस) के लिए किया गया. इसके लिए सदर अस्पताल को 31 मार्च तक का समय दिया गया है. इसके बाद नेशनल टीम सदर अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेकर एन्क्वास सर्टिफिकेशन के लिए अंक निर्धारित करेगी. लेकिन अस्पताल प्रबंधन एक्वास सर्टिफिकेशन के लिए कितना गंभीर है इसका जीवंत उदाहरण ब्लड बैंक में देखा जा सकता है. जहां पिछले करीब दो माह से एयरकंडीशन खराब पड़ा है. जबकि ब्लड बैंक के ब्लड डोनेट सह डाक्टर रूम में लगा पंखा भी खराब है.
उपाधीक्षक ने डॉक्टर से कहा एसी क्यों नहीं चला रहे दरअसल ब्लड बैंक के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर डीपी यादव तथा अस्पताल उपाधीक्षक डा. रमण कुमार ब्लड बैंक में बैठे थे. गर्मी लगने पर उपाधीक्षक ने डॉक्टर से कहा गर्मी लग रही है तो अचानक उपाधीक्षक ने कहा कि गर्मी लग रही है एसी क्यों नहीं चला रहे हैं. इस पर डाक्टर ने कहा सर एसी दो माह से खराब है. कई बार लिख कर दे चुके हैं.
इस पर उपाधीक्षक ने कहा पंखा ही चलाइए गर्मी लग रही है. लेकिन पंखा भी नहीं चला. पारा मेडिकल कर्मियों द्वारा मशक्कत के बाद भी पंखा स्टार्ट नहीं हुआ.
जगह जगह लगा एक्वागार्ड भी पड़ा है खराब
सदर अस्पताल में मरीजों को पेयजल के लिए अस्पताल में जगह जगह लगा एक्वागार्ड उपकरण भी खराब पड़ा है. बढ़ती गरमी में मरीज व परिजन पानी की बोतल खरीद कर पीते हैं. पुरूष इंडोर वार्ड का शौचालय भी इतना गंदा है कि वहां शौच करने मजबूरी में ही मरीज जाते हैं. सिर्फ प्रसव वार्ड में सुविधाएं उपलब्ध कराकर सदर अस्पताल प्रबंधन एन्क्वास सर्टिफिकेट हासिल करने की होड़ में शामिल हो रहा है.
मुंगेर न्यूज़ डेस्क