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Munger पांच सौ एकड़ में होगी जैविक विधि से खेती, जैविक कॉरिडोर योजना फेज 2 के लिए मुंगेर का चयन, खेतों को रासायनिक पद्धति से बचाने पर दिया जा रहा जोर
 

Munger पांच सौ एकड़ में होगी जैविक विधि से खेती, जैविक कॉरिडोर योजना फेज 2 के लिए मुंगेर का चयन, खेतों को रासायनिक पद्धति से बचाने पर दिया जा रहा जोर

बिहार न्यूज़ डेस्क  मुंगेर जिले के किसान जैविक आधारित खेती कर अपनी किस्मत को चमका पाएंगे. बिहार सरकार ने जैविक कॉरिडोर फेज टू के लिए मुंगेर जिला का चयन किया है. इस योजना के तहत जिले में 500 एकड़ में जैविक आधारित खेती किए जाने का लक्ष्य रखा है. योजना के तहत 2022- 23 तथा 2024 - 25 के लिए 500 एकड़ में जैविक खेती होगी.

100 एकड़ का क्लस्टर बनेगा, जिसमें कम से कम एक सौ किसान शामिल होंगे. कुल मिलाकर जिले में पांच कलस्टर तैयार किया जाएगा. लेकिन बाढ़ प्रभावित पंचायत इसमें शामिल नहीं होंगे. जिला कृषि पदाधिकारी ललिता प्रसाद ने बताया कि जैविक खेती करने से आलू, गोभी, परवल, वैगन, टमाटर भिंडी, बोरा, मूली सहित सभी तरह के सब्जी की खेतों में जैविक खाद के प्रयोग से उत्पादन में 25 की बढ़ोतरी हो सकती है. कृषि समन्वयक पंकज कुमार ने बताया कि सभी प्रखंड को जैविक कॉरिडोर को लेकर ग्रुप बनाने का विभाग ने निर्देश दिया है. इस योजना में 200 एकड़ जीविका दीदी को जैविक आधारित खेती करने के लिए जिम्मेवारी सौंपी गई है. सबसे अहम बात यह है कि इस योजना का लाभ न सिर्फ रैयत उठा पाएंगे बल्कि बटाई खेती करने वाले किसान भी न्यायालय से शपथ पत्र देकर इसका लाभ उठा पाएंगे. इस योजना के तहत वर्मी पीट को लें किसानों को 5000 रुपए तथा इनपुट परचेज के लिए 6500 रुपए मिलेगा.
गौरतलब है कि बीते कई दशकों से हमारी धरती केमिकल से जहरीली होती जा रही है. रासायनिक उर्वरक-कीटनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल से ना सिर्फ खेती में, बल्कि लोगों की सेहत पर भी बुरा असर देखने को मिल रहा है. खेतों की उपजाऊ शक्ति कम होती जा रही है, जिससे फसलों का उत्पादन बेहद कम हो गया है. यही वजह है कि अब किसानों को जैविक खेती की तरफ बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जैविक कॉरिडोर योजना के जरिए 13 जिलों को कवर किया गया है. इनमें पटना, वैशाली, नालांदा, बक्सर, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, समस्तीपुर शामिल है.

मुंगेर न्यूज़ डेस्क
 

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