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Motihari गंडक बराज में बहकर आया पेंगोलीन

पेंगोलीन

बिहार न्यूज़ डेस्क भारत-नेपाल को जोड़ने वाली ऐतिहासिक गंडक बराज के पांच नंबर फाटक में की दोपहर एक पंगोलिन प्रजाति के वन्य जीव का शव बहकर पहुंचा. सूचना पर वन कर्मी गंडक बराज पहुंचे और उसे बाहर निकाला.

बताते चले की पंगोलिन एक स्तनधारी प्राणी है. इसके शरीर पर केराटिन के बने शल्क (स्केल) नुमा संरचना होती है जिससे यह अन्य प्राणियों से अपनी रक्षा करता है. पेंगोलिन ऐसे शल्कों वाला अकेला स्तनधारी है. यह अफ्रीका और एशिया में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. इसे भारत में सल्लू सांप भी कहते हैं. इनके निवास वाले वनक्षेत्र तेजी से कम हो रहे हैं. अंधविश्वासी प्रथाओं के कारण इनका अकसर शिकार भी किया जाता है, जिसकी वजह से पेंगोलिन की सभी जातिया अब संकटग्रस्त मानी जाती हैं और उन सब पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है ये कीड़े खाने वाले स्तनधारी है. जानकारों की माने तो लगभग 80 मिलियन सालों से यह धरती पर हैं. यानी एक तरह से ये सबसे लंबा टिकने वाली मैमल्स की श्रेणी में हैं. अफ्रीका और एशिया के घने जंगलों में मिलने वाले ये जीव बहुत खास हैं. ये रेप्टाइल्स की तरह दिखते हैं, जिसकी वजह है उनके शरीर पर लंबी-लंबी स्केल्स का होती है. इनकी जीभ 40 सेंटीमीटर लंबी होती है, जिससे वे चींटियां, दीमक और छोटे कीड़े-मकोड़े खा सकें. एक अकेला पंगोलिन प्रति साल लगभग 70 मिलियन कीड़े खा जाता है. इस बाबत पूछे जाने पर वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र पदाधिकारी राजकुमार पासवान ने बताया कि संभवत नेपाल क्षेत्र से पानी के बहाव में बह जाने से इसकी मृत्यु हो गई है.

नदी से निकालकर पोस्टमार्टम के पश्चात इसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

नरकटियागंज की 12 पंचायतों में कचरा उठाव

प्रखंड की एक दर्जन पंचायतों में डोर टू डोर कचरा उठाव शुरू हो गया है. शेष पंद्रह पंचायतों में भी यह व्यवस्था जल्दी चालू हो जायेगी. यह बातें मलदहिया पोखरिया पंचायत में कचरा उठाव से जुड़ी सामग्रियों के वितरण के मौके पर बीडीओ सूरज कुमार सिंह ने कही. बीडीओ ने कहा कि कचरा से जैविक कम्पोस्ट तैयार करने का कार्य प्रखंड की लगभग दर्जन भर पंचायतों में हो रहा है. कुकुरा, हरसरी पुरैनिया सहित कई पंचायतों में जैविक खाद तैयार हो रहा है. यहां भी शेड आदि का निर्माण हो गया है. इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणों से बीडीओ ने हर महीने कचरा उठाव शुल्क जमा कराने की अपील की. कचरा शुल्क जमा कराने से इस योजना को आर्थिक बल मिलेगा और इसमें निरंतरता बनी रहेगी.

ग्रामीणों ने कहा कि मलदहिया पोखरिया पंचायत में स्वच्छता अभियान को और गति देने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि पंचायत की सड़कें गंदगी से पटी हुई है. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान यहां दम तोड़ रहा है. इस योजना से जुड़े प्रखंड समन्वयक एवं अन्य कर्मियों द्वारा उदासीनता एवं शिथिलता बरती जा रही है. मलदहिया गांव से उत्तर चेगौना की तरफ जाने वाली सड़क पर फैली गंदगी स्वच्छता की पोल खोल रही है.

 

मोतिहारी  न्यूज़ डेस्क

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