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Motihari विवि ने पांच वर्ष में छात्रों के सवा करोड़ रुपये दबाए
 

Motihari विवि ने पांच वर्ष में छात्रों के सवा करोड़ रुपये दबाए


बिहार न्यूज़ डेस्क बीआरए बिहार विवि ने पांच वर्षों में अपने विद्यार्थियों के सवा करोड़ रुपये दबा लिए. विवि प्रशासन ने इन विद्यार्थियों को उनसे लिए सिक्योरिटी मनी के पैसे को वापस नहीं किया है. विवि में पीजी में दाखिले के दौरान प्रत्येक विद्यार्थी से 500 रुपये सिक्योरिटी मनी के तौर पर लिए जाते हैं. इस पैसे को विद्यार्थी को पास होने के बाद लौटा दिया जाता है. लेकिन, पिछले पांच वर्ष से यह पैसा नहीं लौटाया गया है.

विद्यार्थियों का कहना पैसा वापस मांगने पर उन्हें पीजी विभाग से विवि और विवि से पीजी विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. बीआरएबीयू के रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर ने बताया कि विद्यार्थियों को राशि क्यों नहीं दी जा रही है, इसके बारे में पीजी विभागों से जानकारी ली जाएगी. विद्यार्थियों की राशि को हर हाल में लौटना ही चाहिए.बीआरएबीयू में हर वर्ष पांच हजार छात्र दाखिला लेते हैं. एक छात्र से 500 रुपये लिए जाते हैं. इस तरह विवि एक वर्ष में पीजी के विद्यार्थियों से 25 लाख रुपये सिक्योरिटी मनी के नाम पर वसूलता है. पांच वर्ष में यह राशि एक करोड़ 12 लाख रुपये होती है. बीआरएबीयू के छात्र लोजपा नेता गोल्डेन सिंह और छात्र राजद के नेता चंदन यादव ने बताया कि विद्यार्थियों की राशि से विवि में क्या काम किया जाता है इसका कोई हिसाब नहीं है.
छात्रों ने कहा, हमें सिर्फ दौड़ाया
पीजी साइकोलॉजी सत्र 2018-20 के छात्र रमेश कुमार ने बताया कि एडमिशन के समय जो फीस उनसे ली गई उसमें 500 रुपये सिक्योरिटी मनी का शामिल था. पीजी पास करने के बाद जब वह यह राशि लेने गए तो उन्हें नो ड्यूज कराने को कहा गया. जब नो ड्यूज कराया गया तो उन्हें विवि भेज दिया गया. अब तक चेक नहीं आया है.
अंग्रेजी की छात्रा रोमिता ने बताया कि उसे भी यह राशि नहीं दी गई. राशि लेने के समय विभाग ने विवि भेजा. विवि ने फिर विभाग से ही संपर्क करने को कहा. 500 रुपये की राशि के लिए वह कितने दिन चक्कर लगाती, इसलिए उसने विवि जाना छोड़ दिया.

मोतिहारी  न्यूज़ डेस्क

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