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Motihari भूजल और पर्यावरण संरक्षण की कवायद, हरियाली का दायरा बढ़ाने की कार्रवाई

Lucknow  जलकल की जमीन पर एक और दावा, जल्दी बड़ी कार्रवाई होगी

बिहार न्यूज़ डेस्क ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में लगातार परिवर्तन होने से आम लोगों के जीवन में संकट के साथ-साथ उतार चढ़ाव जारी है. इसका मुख्य कारण वनों की अंधाधुंध कटाई एवं नदियों से लगातार हो रहे बालू खनन जल संकट एवं प्रदूषण का कारण बनता जा रहा है. जिसके कारण भूजल स्तर नीचे जा रहा है . गर्मी के मौसम में जिले का औसत भूजल स्तर 25 फीट तक नीचे जाने से जल संकट गहराता है .

इस स्थिति से निपटने के लिए जल स्रोतों के संरक्षण एवं पौधरोपण की योजनाएं चलाई जाएंगी. इसके तहत मनरेगा योजना से जल एवं पर्यावरण संरक्षण की योजनाओं की शुरुआत की गई है. चालू वित्तीय वर्ष में चिन्हित पंचायत में रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी . इसके लिए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की ओर से मनरेगा के तहत बनाए गए मनरेगा भवन एवं आंगनबाड़ी केंद्रों का सर्वे कराया जा रहा है.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिटमनरेगा योजना के तहत मनरेगा भवन एवं आंगनबाड़ी केंद्र जिसके छत का क्षेत्रफल करीब 3000 वर्ग फिट होगा, वहां रेनवाटर हार्वेस्टिंग यूनिट बनाए जाएंगे. जिससे बारिश के पानी को संरक्षित कर भूजल स्तर को नियंत्रित किया जा सके. यही कवायद प्रखंड स्तर पर भी होगी

हरियाली का दायरा बढ़ाने की कार्रवाई

क्षेत्र में हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना के तहत पौधे लगाए जाएंगे . जिसमें निजी जमीन पर पौधारोपण किया जाने को प्राथमिकता दी गई है. यहां मनरेगा योजना से निजी जमीन पर पौधे लगाए जाएंगे . जबकि इस बार सरकारी भूमि पर बहुत कम पौधों का ही रोपण होगा . वन विभाग की ओर से भी सड़क किनारे व निजी जमीन पर भी पौधारोपण अभियान चलाए जाएंगे.

 

मोतिहारी  न्यूज़ डेस्क

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