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Motihari  बाइक की टक्कर में महिला समेत  की मौत,  घायल

Motihari दुघर्टना में जख्मी दूसरे युवक की भी हुई मौत,मौत की खबर सुनते ही घर में मचा कोहराम

बिहार न्यूज़ डेस्क कुटुंबा थाना क्षेत्र के अंबा-नवीनगर मुख्य मार्ग पर तमसी मोड़ के समीप   बाइक की आमने-सामने की टक्कर में  लोगों की मौत हो गई है जबकि  नवजात समेत  लोग घायल हो गए हैं. मृतकों में नवीनगर प्रखंड के बरुणा निवासी अनुज साव की पत्नी मीना देवी, इसी गांव के निकेश विश्वकर्मा तथा झरी बलथर निवासी टिंकू विश्वकर्मा शामिल हैं.

घायलों में बरुणा गांव के ही मनोज साव के अलावा मीना की नवजात बच्ची शामिल है. मनोज की हालत गंभीर बताई जा रही है जबकि बच्ची की हालत ठीक है. जानकारी के अनुसार निकेश अपने भाई के साला टिंकू के साथ बाइक से नवीनगर से अंबा की ओर आ रहा था. इधर अंबा की ओर से मनोज अपनी भाभी मीना के साथ बाइक से घर जा रहा था. मीना की गोद में  नवजात शिशु भी था. तमसी मोड़ के समीप बाइक चालक किसी तरह चकमा खाकर आमने-सामने टकरा गए. टक्कर इतनी जोरदार थी कि नों बाइक के परखच्चे उड़ गए और उस पर सवार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. बताया जाता है कि मीना व निकेश की मौत मौके पर ही हो गई. अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने इन्हें मृत करार दिया. टिंकू और मनोज को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया गया. इलाज के लिए बनारस जाने के क्रम में टिंकू की भी मौत हो गई. मनोज की हालत गंभीर होने की सूचना है. उसका इलाज रांची में चल रहा है.  मृतकों में मीना और निकेश के शव का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौंप दिया गया है. संवाद लिखे जाने तक मीना देवी के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था. परिजन दिल्ली से उसके पति के आने का इंतजार कर रहे थे. इधर टिंकू के परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया है. थानाध्यक्ष अक्षयवर सिंह ने बताया नों दुर्घटनाग्रस्त बाइक पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली है. इस मामले में अब तक कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. आवेदन प्राप्त होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस दुर्घटना के बाद बरुणा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. आस-पास के लोग उन्हें ढाढस बंधाने का प्रयास कर रहे हैं.

बुझ गया घर का इकलौता चिराग झरी बलथर का टिंकू विश्वकर्मा अपने माता-पिता की इकलौती संतान था. मां-पिता की मौत पूर्व में ही हो चुकी थी. परिवार के अन्य सदस्यों ने उसका पालन-पोषण किया था. उसकी मात्र बहन की शादी बरुणा गांव में हुई थी.

कुछ दिन पहले वह किसी गंभीर बीमारी का शिकार हुआ था. परिजनों ने लाखों रुपए खर्च कर उसकी जान बचाई थी, पर नियति को शायद यह मंजूर नहीं था. अंततोगत्वा घर का यह इकलौता चिराग भी बुझ गया.

 

मोतिहारी  न्यूज़ डेस्क

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